Shiv Sena National Executive Meeting: महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच शनिवार को शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई. बैठक में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) समेत कई बड़े नेता शामिल हुए. इस दौरान कई प्रस्ताव पारित किए गए. राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सर्वसम्मति से पूरे पॉवर उद्धव ठाकरे को दिए गए हैं. वहीं बागियों पर कठोर निर्णय लेने का प्रस्ताव पास किया है. इसके अलावा बागी विधायकों के परिवार के सदस्यों और करीबियों को शिवसेना (Shiv Sena) के पदों से हटाया जाएगा.


शिंदे समूह के खिलाफ शिवसेना ने आक्रामक रूख अपनाते हुए चुनाव आयोग को पत्र लिखा और कहा कि किसी को भी शिवसेना या बालासाहेब ठाकरे के नाम का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए. बता दें कि शिंदे समूह नई पार्टी बना रहा है और बालासाहेब ठाकरे व शिवसेना का नाम लेने पर विचार कर रहा है. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान शिवसेना सांसद संजय राउत ने भी एक प्रस्ताव पेश किया जिसके बाद शिवसेना से दगा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार उद्धव ठाकरे को दिया गया. 


शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारणी बैठक में ये संकल्प लिए गए-  



  1. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व पर कार्यकारिणी को पूरा भरोसा. सारे निर्णय लेने के अधिकार पक्षप्रमुख के तौर पर उद्धव ठाकरे को होंगे. 

  2. शिवसेना से बेईमानी करने वाले लोगों को माफी नहीं मिलेगी. 

  3. शिवसेना के जो काम हैं वह लोगों तक पहुंचाए जाएं.

  4. शिवसेना और बालासाहब ठाकरे का नाम कोई नहीं इस्तेमाल कर सकता. 

  5. बागी विधायक जब तक माफी नहीं मांगते सेना भवन में प्रवेश नहीं कर सकते. 


बैठक में अभी तक ये प्रस्ताव पास हुए- 



  1. शिवसेना में सभी तरह के निर्णय लेने के सभी अधिकार पार्टी चीफ उद्धव ठाकरे के पास रहेंगे. 

  2. बालासाहेब ठाकरे और शिवसेना के नाम कोई भी उपयोग नहीं कर सकता है. 

  3. पार्टी से गद्दारी करने वालों पर कार्रवाई करने का अधिकार भी पार्टी चीफ को होगा. 


वहीं सेना भवन में शिव सैनिकों को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) पर जोरदार हमला भी बोला. उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे को हमने बड़ी जवाबदारी दी थी. वे बालासाहेब ठाकरे (Bal Thackeray) के नाम के बिना वोट मांगकर दिखाएं. शिवसेना (Shiv Sena) बालासाहेब ठाकरे की थी और उन्हीं की रहेगी. शिवसेना मराठी अस्मिता और हिंदुत्व के लिए लड़ती रहेगी. हिम्मत हो तो खुद के बाप के नाम पर वोट मांगे. पहले वे नाथ थे अब दास हो गये हैं. उद्धव ने कहा कि बागियों को पहले उनका निर्णय लेने दो फिर हम फैसला लेंगे. 


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