मुंबई: महाराष्ट्र में बीते सप्ताह हुए ग्राम पंचायत चुनाव के नतीजे सोमवार को सामने आए, जिसमें 1.25 लाख उम्मीदवारों को जीत हासिल हुई है. राज्य की सत्ता पर काबिज महा विकास आघाड़ी (एमवीए) ने जहां चुनाव में बड़ी जीत का दावा किया है वहीं विपक्षी बीजेपी ने कहा कि वह और मजबूत बनकर उभरी है. पंचायत चुनाव किसी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर नहीं लड़े जाते, अलबत्ता राजनीतिक दलों या स्थानीय नेताओं द्वारा समितियों का गठन जरूर किया जाता है.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेताओं ने दावा किया कि सोमवार को हुई वोटों की गिनती के अनुसार शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन एमवीए को चुनाव में बड़ी जीत हासिल हुई है. वहीं दूसरी और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने कहा कि बीजेपी इन चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है.

महाराष्ट्र के कुल 36 में से 34 जिलों में 12 हजार 711 ग्राम पंचायतों के लिये 15 जनवरी को मतदान हुआ था. कुल 1 लाख 25 हजार 709 सीटों पर हुए चुनाव के लिये 2 लाख 14 हजार 880 उम्मीदवार मैदान में थे. राज्य के निर्वाचन आयोग ने कहा कि नामांकन पत्रों की जांच और नाम वापसी के बाद चुनाव मैदान में कुल 2 लाख 41 हजार 598 उम्मीदवार थे. 26 हजार 718 उम्मीदवारों के सामने कोई प्रतिद्वंद्वी नहीं था, लिहाजा उन्हें निर्विरोध चुन लिया गया.

एनसीपी के के वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पुणे में पत्रकारों से कहा, 'मेरी जानकारी के अनुसार, ग्राम पंचायत चुनाव महा विकास आघाड़ी के पक्ष में रहे. कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी के कार्यकर्ताओं ने जीत हासिल की है. इनमें से अधिकतर स्थानों पर कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना ने अपने-अपने गढ़ों में अपनी सीटें बरकरार रखीं. मैं इस सफलता के लिये सभी सदस्यों को बधाई देता हूं.'

एनसीपी के एक और नेता तथा राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख और महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष बालासाहेब थोराट ने भी महा विकास आघाड़ी की जीत का दावा किया है. हालांकि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देवेन्द्र फड़णवीस ने कहा, 'एमवीए में शामिल पार्टियों के साथ आने से हमें अपने विस्तार के लिये बहुत जगह मिली है. बीजेपी ग्राम पंचायत चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है.'

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