Maharashtra Politics Crisis: महाराष्ट्र में बड़ा सियासी उलटफेर हो गया है. अजित पवार नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) से बगावत करके विधायकों के साथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए. अजित पवार ने डिप्टी सीएम की शपथ ली और और उनके साथ गए आठ विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली. इस बगावत के बाद उनकी चचेरी बहन सुप्रिया सुले का बयान आया है.


एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष और उनकी चचेरी बहन सुप्रिया सुले ने कहा कि राकांपा के मौजूदा घटनाक्रमों का विपक्षी दलों की एकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा.


'हमेशा बहन की तरह उनसे प्रेम करूंगी'
सुप्रिया सुले ने कहा, इस घटनाक्रम के बाद मेरे पिता (शरद पवार) का कद और बढ़ेगा. हमारी पार्टी की विश्वसनीयता में भी और इजाफा होगा. अजित पवार के भिन्न विचार हो सकते हैं, लेकिन मैं अपने बड़े भाई से कभी नहीं लड़ सकतीं और हमेशा एक बहन की तरह उनसे प्रेम करुंगी. व्यक्तिगत और पेशेवर संबंधों को आपस में नहीं मिलेंगे. 


पार्टी की जिम्मेदारियों को लेकर काफी हैं परिपक्व
सुले ने कहा कि 2019 में जब अजित पवार पहली बार देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली अल्पकालिक सरकार का हिस्सा बने थे, तब से अब तक वह पार्टी की जिम्मेदारियों को लेकर काफी परिपक्व हो गई हैं. बताया जा रहा है कि पिछले महीने सुले को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाना अजित पवार के विद्रोह का कारण बना है. 


पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ''एक चीज पवार साब दो-तीन बार बोले कि हम इस सब में नहीं फंसेंगे, हम सीधे लोगों तक जाएंगे, लोगों से बात करेंगे. महाराष्ट्र और देश की जनता तय करेगी.'' उन्होंने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने यह कदम उठाया है. 2024 को लेकर बीजेपी में आत्मविश्वास की कमी है. उन्होंने कहा कि अगले दो-तीन दिनों में तस्वीर साफ हो जाएगी.


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