Transgender Recruitment Case: महाराष्ट्र प्रशासनिक न्यायाधिकरण (Maharashtra Administrative Tribunal) ने पुलिस कांस्टेबल के पद के लिए दूसरे ट्रांसजेंडर उम्मीदवार (Transgender Candidate) को आवेदन करने की अनुमति दी जाए. ट्रिब्यूनल ने राज्य को 4 दिसंबर तक भर्ती आवेदन पत्र में पुरुष और महिला के अलावा 'अन्य लिंग' के रूप में तीसरा विकल्प दिए जाने का निर्देश दिया. 


दरअसल, पुलिस कांस्टेबल की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी होने के बाद ट्रांसजेंडर निकिता मुख्यादल ने ऑनलाइन आवेदन करने की कोशिश की. हालांकि, ऑनलाइन आवेदन में केवल दो लिंग पुरुष और महिला का विकल्प चुनने की अनुमति देता है. इसमें ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए कोई विकल्प नहीं है. भर्ती नोटिस ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए आरक्षण प्रदान नहीं करता है.


ट्रिब्यूनल ने दिया था ये आदेश


एमएटी ने एक अन्य ट्रांसजेंडर उम्मीदवार द्वारा दायर आवेदन में 14 नवंबर को निर्देश दिया था कि इस साल कांस्टेबलों की चयन प्रक्रिया में ट्रांसजेंडर व्यक्ति के लिए कम से कम एक पद आरक्षित किया जाए. इसके अलावा 18 नवंबर को राज्य को सभी ऑनलाइन आवेदन पत्रों में अन्य लिंग का विकल्प जोड़ने और ट्रांसजेंडर उम्मीदवारों के लिए शारीरिक मानकों और परीक्षणों के मानदंड तय करने का निर्देश दिया गया.


ट्रिब्यूनल के निर्देश को राज्य सरकार के अमल में नहीं लाने के बाद  25 नवंबर को ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के आवदेन फॉर्म जमा करने की समय सीमा को 8 दिसंबर 2022 तक बढ़ा दिया गया.


महाराष्ट्र सरकार ने ट्रिब्यूनल के आदेश को दी चुनौती


राज्य सरकार ने ट्रिब्यूनल के इन आदेशों को चुनौती देते हुए दावा किया कि उन्हें लागू नहीं किया जा सकता है क्योंकि अभी तक ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की भर्ती के संबंध में खासकर पुलिस बल को लेकर कोई नीति नहीं बनाई गई है. 


ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को पुलिस भर्ती प्रकिया से बाहर किए जाने से दुखी आवेदक ने इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम को एक चिट्ठी भी लिखी, लेकिन अभी तक उसका जवाब नहीं दिया गया है. आवेदन में कहा गया है कि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए आरक्षण प्रदान नहीं करना भी संविधान के अनुच्छेद 16 के तहत समाज के कमजोर वर्गों के लिए सक्षम प्रावधान बनाने के राज्य के दायित्व का उल्लंघन करता है. इसके अलावा आवेदन में पुलिस कांस्टेबल के पद के लिए आगामी शारीरिक परीक्षाओं में ट्रांसजेंडर उम्मीदवारों के लिए जरूरी शारीरिक मापदंडों को शामिल करने के लिए राज्य सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है. 


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