Bajrang Kharmate RTO Department: महाराष्ट्र सरकार में परिवहन मंत्री अनिल परब के करीबी और विवादित डिप्टी आरटीओ बजरंग खरमाटे की मुश्किलें बढ़ सकती है. प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को बजरंग खरमाटे से 8 घंटे तक लंबी पूछताछ की. जानकारी के मुताबिक उन्हें अगले हफ्ते फिर हाजिर रहने के लिए समन जारी किया गया है. बजरंग खरमाटे का विवादों से पुराना नाता रहा है. अब तक खरमाटे दो बार नौकरी से सस्पेंड हो चुके है.


साल 2009 में खरमाटे रायगढ़ में डिप्टी RTO थे. उस वक्त आरोप लगे कि 442 इंपोर्टेड वाहनों के रजिस्ट्रेशन के वक्त केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1988 का उल्लंघन किया. जिसकी वजह से सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ. मामला कितना गंभीर था, इसका अंदाज इससे लगा सकते है कि बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद खरमाटे को निलंबित किया गया. साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच भी हुई लेकिन महाराष्ट्र में जैसे ही BJP-शिवसेना सरकार सत्ता में आई और परिवहन विभाग शिवसेना के पास गया तो खरमाटे की विभागीय जांच की रिपोर्ट सामने आई. खरमाटे फिर एक बार नौकरी में वापस लौट आए.


क्यों बजरंग खरमाटे को कहते है RTO का सचिन वाजे?


परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार जमकर फैला हुआ है. यह गंभीर आरोप बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने लगाया. मंत्री अनिल परब के साथ मिलकर वर्धा के डिप्टी आरटीओ बजरंग खरमाटे ने गैरकानूनी तरीके से करोड़ों रुपये की उगाही की और आपस में पैसे बांट लिए. इतना नहीं, किरीट सोमैया ने ही कई अफसरों के तबादले दो-दो महीने के अंतराल में कर 25-50 लाख रुपये से 1-1 करोड़ रुपये की वसूली के आरोप लगाए. वहीं RTO के निलंबित गजेंद्र पाटिल ने भी मंत्री अनिल परब और खरमाटे पर ट्रांसफर पोस्टिंग में 300 करोड़ रुपये की वसूली की शिकायत की. वही एंटीलिया कांड में गिरफ्तार सचिन वाजे भी मंत्री अनिल परब पर वसूली कराने के आरोप लगा चुके है.


गडकरी भी पत्र लिखकर कर चुके है खरमाटे की शिकायत


केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी बजरंग खरमाटे पर कथित तौर पर वसूली के गंभीर आरोप लगा चुके हैं. मामला 22 अक्टूबर 2020 का है. जब नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को एक चिट्ठी लिखी. गडकरी ने चिट्ठी में महाराष्ट्र में परिवहन मंत्रालय में मौजूद नागपुर डिवीजन में तैनात बजरंग खरमाटे नाम के एक आरटीओ पर अवैध वसूली के गंभीर आरोप लगाये थे. गड़करी ने चिठ्ठी में लिखा कि बजरंग महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के बॉर्डर के करीब तीन चेक पोस्ट से महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के किसानों, लोगों और ट्रांसपोर्ट वाहनों को पास कराने के एवज में किसी ना किसी बहाने पैसों की रंगदारी मांगा करता था. अगर ये लोग बजरंग को पैसे नहीं देते थे तो वह उन पर जुर्माना लगा दिया करता था और उनसे मारपीट भी किया करता था. इलाके के लोगों ने बजरंग की शिकायत सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से कर दी. इसके बाद गड़करी ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को एक चिट्ठी लिखकर बजरंग पर कार्रवाई करने को कहा.


बजरंग की पुलिस में भी तगड़ी पैठ थी. यही कारण था की एंटी करप्शन ब्यूरो की टीमें भी बजरंग पर कार्रवाई करने से बचती थी. गडकरी ने अपनी चिट्ठी में यह भी लिखा है कि बजरंग नागपुर एंटी करप्शन विभाग की टीम को हर महीने हफ्ता भी दिया करता था. जिसके चलते एंटी करप्शन विभाग की टीम उस पर कार्रवाई नहीं करती थी. गडकरी ने अपनी चिट्ठी में यह भी लिखा है कि बजरंग टोल नाकाओं से अवैध तरीके से खनन करने वाली गाड़ियों से पैसे की वसूली भी किया करता था. जिनमें रेत को ढोया जाता था.


करोड़ों की संपत्ति का मालिक है खरमाटे?


आरोप के मुताबिक खरमाटे करोड़ों रुपये की संपति का मालिक है. नासिक पुलिस में खरमाटे के खिलाफ जो शिकायत दी गई है उसमे दावा किया गया है कि ये प्रॉपर्टी खरमाटे के पास है---


1. मध्य प्रदेश के इंदौर और महाराष्ट्र के कोठरूद में टाटा कंपनी के तनिष्क ब्रांड के दो शोरूम.
2. हरियाणा के गुरुग्राम में एक पांच सितारा होटल में पार्टनर.
3. पुणे के अलग-अलग इलाकों में एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स के चार शोरूम.
4. महाराष्ट्र के सांगली तहसील के मिरज में 250 एकड़ की जमीन.
5. मुंबई सेंट्रल इलाके में "नैनी हाइट" नाम की बिल्डिंग में 8 करोड़ का फ्लैट.
6. बीएमडब्ल्यू,ऑडी जैसे बड़े ब्रांड की कई महंगी गाड़ी.



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