Maharashtra Police: महाराष्ट्र साइबर पुलिस (Maharashtra Cyber) एक ऐसे साइबर क्रिमिनल को ढूंढ रही है जिसने ADG रैंक के IPS अधिकारी का नाम और फ़ोटो इस्तेमाल कर उन्हें ही चकमा दिया है. इस उस्ताद साइबर क्रिमिनल ने इन अधिकारियों के नंबर और फोटो व्हाट्सएप (WhatsApp) पर इस्तेमाल कर कई पुलिस वालों को ठगने की कोशिश की.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि मीरा भायंदर (Mira-Bhayandar) के पुलिस कमिश्नर सदानंद दाते का फ़ोटो और नाम का इस्तेमाल कर कोई व्हाट्सएप चला रहा है. उसने कई पुलिसवालों को मैसेज कर उनसे अमेजन गिफ़्टकार्ड ख़रीदकर उन्हें भेजने को कहा. इस बात की जानकारी जैसे ही दाते को मिली उन्होंने अज्ञात साइबर क्रिमिनल के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करवाया और महाराष्ट्र साइबर सेल को इसकी जांच के लिए कहा गया. 

साइबर क्रिमिनल ठग रहा पुलिस महकमे को

महाराष्ट्र साइबर सेल के एसपी संजय शिंत्रे ने ABP न्यूज़ से को बताया, 'हमें शिकायत मिली है. हम इस मामले की जांच कर रहे है. ये ठग पुलिस विभाग, रेलवे, या किसी और सरकारी विभाग में काम करने वालों जूनियर रैंक के कर्मचारियों को ठगने का काम कर रहा है. साइबर क्रिमिनल आजकल टॉप बॉस के फ़ोटो का इस्तेमाल का फ़र्ज़ी मोबाइल नंबर पर इस्तेमाल कर व्हट्सएप चला रहे हैं. ये अपराधी उस नंबर का इस्तेमाल कर उस विभाग के सबसे जूनियर लोगों को मैसेज कर अमेजन का गिफ़्ट कार्ड ख़रीद उन्हें तुरंत भेजने में लिए कहते हैं.'

पुलिस ने आगे बताया कि एक बार किसी कर्मचारी ने गिफ़्ट कार्ड ख़रीदकर उस नंबर पर भेज दिया तो उसका इस्तेमाल कर ये फ्रॉड शॉपिंग या उसे कैश में कन्वर्ट कर लेते हैं. महाराष्ट्र में ऐसे 144 मामले आ चुके हैं जिसके कई IAS, IPS के फ़ोटो का इस्तेमाल कर फ़र्ज़ी व्हाट्सएप प्रोफ़ाइल बनाकर उनके जूनियर को ठगने की कोशिश की गई है. 

कैसे सफल होते हैं ठग ?

शिंत्रे ने बताया की कई बार सरकारी विभाग ख़ास कर पुलिस विभाग में काम करने वाले जूनियर रैंक के कर्मचारी अपने टॉप बोस से प्रोटोकोल के चलते सीधे बात नहीं कर पाते है. ऐसे में अगर कोई ठग उन्हें उनके बॉस के नाम से मैसेज कर देता है तो वो इसे चेक करने समर्थ होते हैं और कई बार खुश भी हो जाते हैं कि उनके बॉस ने उनसे कुछ मांग की है. यानी की वो बॉस की नज़र में एक अच्छा स्थान रखने की कोशिश में ठग के झांसे में आ जाते हैं. 

कैसे ठगते हैं ?

ठग बॉस बनकर मैसेज करते हैं कि वो (बॉस) एक मीटिंग में है और बहुत व्यस्त हैं. जिसकी वजह से वो अमेजन का गिफ़्ट कार्ड ख़रीद नहीं जा पा रहे हैं. ठग अपने मैसेज में लिखते हैं कि उन्हें वो गिफ़्ट कार्ड जल्द से जल्द चाहिए और 5-10 हज़ार रुपए का गिफ़्ट कार्ड ख़रीदने के लिए बोलते है. इसके साथ ही इसे तुरंत भेजने को कहते हैं, ताकि जूनियर रैंक के अधिकारी को किसी से इस बात को क्रॉस चेक करने का वक्त न मिले और उसे फंसा लिया जाए. 

बचने में लिए क्या कर सकते हैं ?

शिंत्रे ने बताया कि अगर आपको इस तरह के मैसेज आते हैं तो आपको उस वरिष्ठ अधिकारी के पीए से तुरंत संपर्क कर इसकी जानकारी देनी चाहिए. ताकि वो इस बारे में उस अधिकारी को बता सके. शिंत्रे ने कहा कि हम जितने भी बड़े अधिकारी हैं उनसे भी कहेंगे की वो अपने ऑफिस में ये मैसेज दे दें कि इस तरह का कोई मैसेज वो किसी को नहीं भेजेंगे. अगर ऐसा मैसेज किसी को भी आता है तो वो उसके झांसे में न पड़े.

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