Mumbai Crime Branch: मुंबई पुलिस ने पूरे मुंबई में सैकड़ों पुलिसकर्मियों की मदद से ऐसे लोगों को गिरफ़्तार किया है जो एक फोटो का इस्तेमाल कर सैकड़ों सिमकार्ड जारी कराते थे और फिर उन सिमकार्ड को इस्तेमाल करने के लिए फर्जी कॉल सेंटर, बुकी या किसी अन्य गैरकानूनी काम करने वालों को देते थे.


मुंबई पुलिस के जॉइंट कमिश्नर लॉ एंड ऑर्डर सत्यनारायण चौधरी में बताया कि हमारे पास डिपार्टमेंट ऑफ़ टेलीकम्युनिकेशन (DOT) ने एक जानकारी साझा की थी. उन्होंने सुपर कंप्यूटर की मदद से ऐसे सिम कार्ड की पहचान की थी जो संदेहास्पद थे. एक ही शख़्स की फोटो को अलग-अलग एंगल से निकालकर उसका इस्तेमाल कर सैकड़ों सिमकार्ड जारी हुए जिनका इस्तेमाल गलत हाथों से भी हो सकता है.


62 लोगों ने मिलकर कुल 8500 सिम कार्ड लिए


इस जानकारी के बाद मुंबई के VP रोड पुलिस स्टेशन, डीबी मार्ग पुलिस स्टेशन, मलाबार हिल पुलिस स्टेशन, सहार पुलिस स्टेशन और बांगुरनगर पुलिस स्टेशन के अधिकारियों की टीम बनाई गई और फिर DOT की जानकारी के आधार पर पुलिस उन तमाम जगहों पर पहुंची जहां से ये सिम कार्ड जारी किए गए थे.


चौधरी ने आगे बताया कि इस पूरे मामले की जांच के दौरान हमने 5 FIR दर्ज की और इन मामलों में 13 आरोपियों को गिरफ़्तार भी किया. पूछताछ और जांच को आगे बढ़ाया गया तो पता चला कि मुंबई में 62 लोगों ने मिलकर कुल 8500 सिम कार्ड जारी कराए हैं.


इसी जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि एक शख़्स ने मुंबई से सटे मीरा रोड इलाक़े में चल रहे एक फर्जी कॉल सेंटर को कुछ सिम कार्ड दिए थे जिसके बाद पुलिस ने उस कॉल सेंटर पर छापेमारी की. वहां से उन्होंने 52 सिम कार्ड जब्त किए. 


सबसे बड़ा खिलाड़ी तो मलाबार हिल...


गिरफ़्तार किए आरोपियों में विशाल शिंदे भी है, जिसने अपने फोटो के जरिये 378 सिम कार्ड जारी कराए. DB मार्ग पुलिस ने अब्दुल शेख़ नाम के शख़्स को गिरफ़्तार किया, जिसने अपने फोटो का इस्तेमाल कर 190 सिम कार्ड जारी कराए थे. 


सबसे बड़ा खिलाड़ी तो मलाबार हिल पुलिस द्वारा गिरफ़्तार अब्दुल मंसूरी निकला. उसने अपने फोटो का इस्तेमाल कर 685 सिम कार्ड जारी कराए. DOT की जानकारी के मुताबिक़ मुंबई में कुल 30 हज़ार सिम कार्ड ऐसे हैं जिसे ग़ैरक़ानूनी तरीक़े से जारी कराया गया. 


DOT के सूत्रों ने बताया की देश में कुल 30 लाख सिम कार्ड इसी तरह से जारी कराए गए, जिसे DOT ने बंद करवा दिया है. सूत्रों में बताया कि इन सिम कार्ड का इस्तेमाल साइबर क्रिमिनल, फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले और क्रिकेट बुकी जैसे अपराधी करते हैं.


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