Maharashtra NCP Crisis: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में अजित पवार के नेतृत्व में हुई बगावत के बाद महाराष्ट्र में सियासी तापमान बढ़ गया है. इस बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने गुट के नेताओं के साथ बुधवार (5 जुलाई) को बैठक की. ये मीटिंग ऐसे समय में हुई है जब शिंदे गुट के नेताओं ने गठबंधन में अजित पवार की एंट्री से नाखुशी जताई है.


यही नहीं अजित पवार ने खुले मंच से मुख्यमंत्री पद की इच्छा जताई है. पवार के बयान के बाद शिंदे गुट ने साफ कर दिया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ही रहेंगे. सीएम निवास वर्षा पर मीटिंग के बाद शिंदे गुट के नेता उदय सामंत ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में ही लोकसभा और महाराष्ट्र का विधानसभा चुनाव होगा. शिंदे गुट के नेताओं की नाराजगी पर उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है. 


वहीं शिदे गुट के नेता और मंत्री शंभूराज देसाई ने भी कहा कि सीएम एकनाथ शिंदे के इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता. हमारे पास 200 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है. हमारा कोई भी नेता नाराज नहीं है. 


मीटिंग में क्या चर्चा हुई?
सामंत ने बताया कि मीटिंग में पार्टी के संगठन को मजबूत करने को लेकर चर्चा हुई है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि जल्द ही कैबिनेट का विस्तार होगा. हमारे तीनों दलों (शिंदे गुट, अजित पवार गुट और बीजेपी) के नेता मिलकर सभी जरूरी फैसले लेंगे. 


न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, फिलहाल महाराष्ट्र में मौजूदा मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री शिंदे सहित शिवसेना के 10 मंत्री हैं. मंत्रिमंडल में बीजेपी के भी इतने ही मंत्री शामिल हैं. एनसीपी ने रविवार (2 जुलाई) को एनसीपी के नौ विधायकों के सरकार का हिस्सा बनने से मंत्रियों की कुल संख्या बढ़कर 29 हो गई. राज्य में कुल 43 मंत्री हो सकते हैं.


अजित पवार ने क्या कहा?
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने बुधवार (5 जुलाई) को बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि मैंने पांच बार उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की है. यह एक रिकॉर्ड है, लेकिन गाड़ी यहीं रूक गई है, आगे नहीं बढ़ रही. मुझे तहेदिल से ऐसा लगता है कि मुझे राज्य का प्रमुख (मुख्यमंत्री) बनना चाहिए. मेरे पास कुछ चीजें हैं जिन्हें मैं कार्यान्वित करना चाहता हूं और उसके लिए प्रमुख (मुख्यमंत्री) बनना जरूरी है.


दरअसल, शक्ति प्रदर्शन करने के लिए एनसीपी के दोनों गुटों (अजित पवार और शरद पवार गुट) ने अलग-अगल मीटिंग की. इस दौरान अजित पवार और शरद पवार ने एक दूसरे पर निशाना साधा.


अजित पवार ने कहा कि हमारे लिए साहेब (शरद पवार) देवता तुल्य हैं और हमारे मन में उनके लिए काफी सम्मान है. आईएएस अधिकारी 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत होते हैं। यहां तक कि राजनीति में भी, बीजेपी नेताओं के सेवानिवृत्त होने की उम्र 75 वर्ष है. आप लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी के उदाहरण देख सकते हैं. 


वहीं शरद पवार ने अजित पवार की बुलाई गई बैठक से जुड़े मंच पर खुद की तस्वीर लगे होने पर आपत्ति जताते हुए  कहा कि जो लोग उनकी तस्वीर का इस्तेमाल कर रहे हैं वो जानते हैं कि उनके पास कुछ और नहीं है. 


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