Maharashtra Cabinet: महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल विस्तार में मंगलवार को शपथ लेने वाले 18 में से तीन मंत्रियों का नाता विवादों से रहा है. नव नियुक्त मंत्री संजय राठौड़ उद्धव ठाकरे नीत सरकार में भी मंत्री थे और पुणे में एक महिला की मौत के मामले में उनका नाम सामने आने के बाद उन्हें पिछले साल मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा था. जब एकनाथ शिंदे ने शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ जून में बगावत की तो राठौड़ भी उनके साथ आ गए. मुख्यमंत्री शिंदे ने मंगलवार को कहा कि पुलिस ने राठौड़ को क्लीन चिट दी है, इसलिए ही उन्हें राज्य मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है.


मंत्री संजय राठौड़ के खिलाफ बीजेपी उपाध्यक्ष
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की प्रदेश उपाध्यक्ष चित्रा वाघ ने राठौड़ को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि वह महिला की मौत के लिए कथित रूप से जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा, "भले ही उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया हो, लेकिन मैं उनके खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखूंगी. मुझे न्यायपालिका पर पूरा यकीन है. हम लड़ेंगे और जीतेंगे."


मंत्री अब्दुल सत्तार के दाग
वहीं दूसरे नव नियुक्त मंत्री और शिवसेना के बागी अब्दुल सत्तार हैं. वह सोमवार को विवाद के केंद्र में तब आ गए जब उनकी तीन बेटियों और एक बेटे का नाम 7880 अभ्यर्थियों की उस सूची में शामिल है जिन्हें शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2019-2020 में कथित गड़बड़ी करने के सिलसिले में अयोग्य घोषित किया गया है, और प्रतिबंधित कर दिया गया है. सत्तार पहले कांग्रेस में थे और 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले वह शिवसेना में शामिल हो गए थे. वह भी जून में शिंदे के गुट में शामिल हो गए थे.


विजय कुमार गावित का विवाद
टीईटी विवाद पर, सत्तार ने सोमवार को आरोप लगाया था कि यह राजनीतिक साज़िश है और महाराष्ट्र मंत्रिमंडल के विस्तार से एक दिन पहले सूची के सामने पर सवाल खड़े किए थे. इसके अलावा तीसरे नव नियुक्त मंत्री और बीजेपी नेता विजय कुमार गावित हैं जिन्हें पांच साल पहले जनजाति विकास विभाग में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का दोषी पाया गया था. 2004-2009 के दौरान उनके पास इस विभाग का जिम्मा था. गावित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में थे और कांग्रेस-एनसीपी सरकार में मंत्री थे. बाद में वह बीजेपी में शामिल हो गए और 2014 और 2019 में विधानसभा चुनाव जीता.