नई दिल्ली: महाराष्ट्र में आज उद्धव ठाकरे सरकार का मंत्रिमंडल का विस्तार होगा. इस मंत्रिमंडल विस्तार में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के कुल 36 मंत्री शपथ लेंगे. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शपथ समारोह में शिवसेना के 13, एनसीपी के 13 और कांग्रेस के 10 मंत्री शपथ लेंगे. शिवसेना के 10 कैबिनेट मंत्री होंगे और 3 राज्य मंत्री होंगे. एनसीपी के 10 कैबिनेट मंत्री होंगे और 3 राज्य मंत्री होंगे. कांग्रेस के 8 कैबिनेट मंत्री होंगे और दो राज्य मंत्री होंगे.

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दोपहर 1 बजे मुंबई में शपथ ग्रहण समारोह होना है. शपथ ग्रहण समारोह राजभवन के बजाय महाराष्ट्र विधान भवन के प्रांगण में किया जा रहा है. मंत्रियों की लिस्ट फाइनल नहीं होने की वजह से अभी तक मंत्रिमंडल का विस्तार टलता रहा. आज होने वाले विस्तार के बीच सबकी नजरें इस बात पर है कि एनसीपी से डिप्टी सीएम का चेहरा कौन होगा और क्या कांग्रेस को उप मुख्यमंत्री का पद मिलेगा ? एनसीपी नेता अजित पवार को लेकर अभी सस्पेंस बरकरार है.

महीने भर पहले 28 नवंबर को जब शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने शिवाजी पार्क में शपथ ली थी तो उनके साथ और 6 मंत्रियों ने भी शपथ ली थी. उनमें एनसीपी से छगन भुजबल और जयंत पाटील, कांग्रेस से बालासाहेब थोराट और नितिन रावत और शिवसेना से एकनाथ शिंदे और सुभाष देसाई थे. पहले माना जा रहा था कि मंत्रिमंडल का विस्तार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले होगा लेकिन वो हो नहीं सका. उसके बाद 23 दिसंबर को शपथ विधि की तारीख मुकर्रर की गई लेकिन तब भी मंत्रिमंडल का विस्तार टल गया.

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दरअसल, मंत्रिमंडल विस्तार के लिए तारीख पर तारीख कांग्रेस की वजह से पड़ रही थी. कांग्रेस के कोटे से कौन मंत्री होगा इसको लेकर पार्टी में भारी विवाद चल रहा था और नाम तय नहीं हो पा रहे थे. आखिर में कांग्रेस आलाकमान ने नामों की लिस्ट फाइनल करके उद्धव ठाकरे को सौंपी. किस पार्टी को कितने मंत्री पद मिलेंगे इसका फार्मूला सरकार बनने से पहले ही तय हो गया था. ये तय किया गया था कि जिसके जितने ज्यादा विधायक उसको उतने ज्यादा मंत्री पद मिलेंगे. इस लिहाज से सबसे ज्यादा मंत्री 56 विधायकों वाली शिवसेना के हैं और सबसे कम 44 विधायकों वाली कांग्रेस के.

मंत्रिमंडल का विस्तार क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों के आधार पर किया जा रहा है. ये कोशिश की गई है कि महाराष्ट्र के सभी क्षेत्रों को मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व मिले. जैसे विदर्भ, मराठवाड़ा, पश्चिम महाराष्ट्र, कोंकण और मुंबई. इसी तरह से जातीय आधार पर मराठा, अनुसूचित जाति एवं जनजाति, ओबीसी और अल्पसंख्यक कोटे तय किए गए हैं.