मद्रास हाईकोर्ट ने जमीन हड़पने के मामले में एआईएडीएमके के पूर्व मंत्री और पार्टी के संगठन सचिव डी जयकुमार को सशर्त जमानता दे दी है. जयकुमार ने अपनी जमानत अर्जी में कहा था कि वे कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं, उन्हें राजनीति प्रतिशोध के चलते फंसाया गया है. बता दें कि इससे पहले मद्रास हाईकोर्ट से डी जयकुमार को 19 फरवरी को शहरी स्थानीय निकाय चुनाव के दौरान एक मतदान केंद्र पर द्रमुक कार्यकर्ता पर हमला करने और कमीज उतरवाकर परेड कराने के आरोप में दर्ज एक मामले में 3 मार्च को सशर्त जमानत मिली थी.


न्यायमूर्ति ए डी जगदीश चंद्र ने याचिकाकर्ता जयकुमार को राहत प्रदान करते हुए कहा कि वह दो सप्ताह के लिए तिरुचिरापल्ली में रहेंगे और सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को छावनी पुलिस के सामने उपस्थित होंगे. इससे पहले अभियोजन पक्ष ने न्यायाधीश से कहा था कि जयकुमार को कड़ी शर्तों के साथ जमानत दी जा सकती है. अभियोजन के वकील ने न्यायाधीश से कहा कि राज्य सरकार को राहत देने से कोई आपत्ति नहीं है. वकील ने कहा कि इस आशय का एक हलफनामा भी लिया जा सकता है कि जयकुमार भविष्य में ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होंगे.


'संदेह था कि कमीज के भीतर चाकू छिपाकर रखा था'


इससे पहले पूर्व मंत्री की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता संजय आर हेगड़े और ए नटराजन ने दलीलें दीं कि जयकुमार ने द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के कार्यकर्ता नरेश कुमार को केवल अपनी कमीज उतारने के लिए मजबूर किया था, क्योंकि वह एक कुख्यात अपराधी है और कई आपराधिक मामलों का सामना कर रहा है. उन्होंने कहा कि संदेह था कि उसने कमीज के भीतर चाकू छिपाकर रखा था. वकीलों ने कहा कि जयकुमार ने नरेश को अन्य लोगों द्वारा पीटे जाने से बचाया था.


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