भोपाल: मध्य प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा कोरोना वैक्सीन ट्रायल का वॉलेंटियर बनना चाहते थे, मगर उनकी यह इच्छा पूरी नहीं होगी, क्योंकि वे वॉलेंटियर बनने के लिए तय किए गए दिशा निर्देशों को पूरा नहीं करते. ऐसा इसलिए क्योंकि उनके परिवार के सदस्य कोरोना पॉजिटिव हुए थे.


गृहमंत्री डॉ. मिश्रा ने गुरुवार को कोरोना वैक्सीन के ट्रायल के लिए वॉलेंटियर बनने को इच्छा जताई थी. शुक्रवार को उन्होंने बताया है कि, "पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ.अनिल दीक्षित ने बताया कि आईसीएमआर की गाइडलाइन अनुसार मुझे वॉलेंटियर के रूप में वैक्सीन नहीं लगाई जा सकती. एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया के मुताबिक वॉलेंटियर के किसी निकट परिजन को कोविड-19 नहीं होना चाहिए. जबकि मेरी धर्मपत्नी, पुत्र कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं."


दीक्षित ने बताया कि भोपाल में पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में 27 नवंबर से टीके का क्लिनिकल ट्रायल किया जा रहा है और अब तक 18 वर्ष से अधिक आयु के 56 लोगों को इसकी खुराक दी जा चुकी है.


गृहमंत्री मिश्रा ने आगे कहा कि, "बहुत इच्छा थी कि कोरोना वैक्सीन के ट्रायल में वॉलेंटियर बनूं और इसके माध्यम से समाज के लिए कुछ करूं. वैक्सीन ट्रायल के लिए आईसीएमआर के एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया में फिट नहीं बैठ सका, इसकी मन में बहुत पीड़ा है."


ज्ञात हो कि राज्य में कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल राजधानी में चल रहा है. वर्तमान में यह ट्रायल पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में हो रहा है. इसके अलावा गांधी मेडिकल कॉलेज में भी इसकी तैयारी है. इसी बीच यह बात सामने आई कि ट्रायल के लिए वॉलेंटियर नहीं मिल रहे हैं. इसी के चलते गृहमंत्री ने खुद वॉलेंटियर बनने की इच्छा जताई थी.