Marksheet Scam in Jabalpur: मध्य प्रदेश की मेडिकल यूनिवर्सिटी में घोटाले के आरोपों के बाद कुलपति टी एन दुबे ने इस्तीफा दे दिया है. जबलपुर स्थित इस यूनिवर्सिटी ने कथित तौर पर पास-फेल का खेल चल रहा था, जिसमें परीक्षा कराने वाली ठेका कंपनी माइंड लॉजिक्स पर भी तमाम तरह की अनियमितता के आरोप लगे थे. प्रदेश सरकार ने जून में इस कंपनी को टर्मिनेट भी कर दिया था. आरोप है कि यूनिवर्सिटी में उन छात्रों को भी पास कर दिया गया, जिन्होंने कभी परीक्षा ही नहीं दी.


मध्य प्रदेश की इकलौती मेडिकल यूनिवर्सिटी जिसका मुख्यालय जबलपुर में है, में बड़ा घोटाला होने की बू आ रही है. एमपी मेडिकल यूनिवर्सिटी में ये घोटाला व्यापम फर्जीवाड़े की तर्ज पर अंजाम दिया गया है, जहां छात्र-छात्राओं को पास-फेल करने का बड़ा खेल, खेले जाने की जानकारी सामने आई है. 


फर्जीवाड़े का आरोप विश्वविद्यालय में रिजल्ट बनाने वाली ठेका कंपनी, माईंड लॉजिक्स पर है, जिसने एब्सेंट छात्र-छात्राओं को भी पास कर दिया. आरोप है कि एमपी मेडिकल यूनिवर्सिटी ने जिस माइंड लॉजिक्स कंपनी को विश्वविद्यालय का रिजल्ट बनाने का ठेका दिया, उसने रिजल्ट बनाने में जमकर फर्जीवाड़ा किया. 


कंपनी पर छात्र छात्राओं को मनमानी से पास फेल करने और मार्क्स एंट्री पोर्टल में भारी बदलाव करने का भी आरोप है. चिकित्सा शिक्षा विभाग ने जब शिकायत पर जांच के आदेश दिए तो कंपनी छात्र छात्राओं के गोपनीय डेटा पर ही कुंडली मारकर बैठ गई है. हांलांकि, ठेका शर्तों के मुताबिक छात्र छात्राओं का डेटा विश्वविद्यालय के सर्वर में ही सुरक्षित रखना था, लेकिन जानकारी मांगे जाने पर कंपनी ने बैंगलुरु स्थित अपना कार्यालय लॉकडाउन में बंद होने का हवाला दे दिया और जानकारियां देने में आनकानी की. 


बहरहाल मामले की छानबीन के लिए मेडिकल यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलसचिव डॉक्टर जेके गुप्ता की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी, इसमें वित्त नियंत्रक और लेखा अधिकारी को भी सदस्य बनाया गया. समिति सदस्यों ने इस मामले की जांच का प्रतिवेदन भी सौंप दिया है, जिसमें कई अनियमितताएं सामने आई हैं. बहरहाल विवादों में घिरे कुलसचिव जे के गुप्ता अब अपने मूल विभाग पहुंच चुके हैं, जबकि वर्तमान में आए नवनियुक्त कुलसचिव डॉ प्रभात बुधौलिया बताते हैं कि वे जल्द ही एक नई जांच कमेटी बनाएंगे जिसमें आईटी एक्सपर्ट की मदद से पूरे मामले की नए सिरे से खोजबीन की जाएगी. वहीं फेल छात्रों के पास होने का मामला अब न्यायालय पहुंच चुका है, जिसके बारे में वह कुछ भी टिप्पणी नहीं करेंगे.