भोपाल: मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में इतनी बारिश हुई है कि पूरा ग्वालियर-चंबल क्षेत्र ही त्राहिमाम-त्राहिमाम कर रहा है. इलाके के 1177 गांव और हजारों की आबादी बुरी तरह प्रभावित हुई है, खासतौर पर शिवपुरी और श्योपुर जिला. बाढ़-बारिश का सबसे बड़ा केंद्र एमपी का शिवपुरी जिला है, जहां 1100 गांव प्रभावित हुए हैं. इन 1100 में से 200 गांव बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और 22 गांव तो ऐसे हैं जहां चारों ओर बाढ़ ने कब्जा जमा लिया है. 


मुख्यमंत्री बोले- सेना को भेजना ही सही रहेगा, चार कालम की मांग की है
बाढ़ बारिश को लेकर प्रशासन लगातार राहत एवं बचाव कार्य में लगा है. NDRF और SDRF के बाद सेना को भी बुलाया गया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ''आर्मी भेजना ही सही होगा, आर्मी के चार कालम की डिमांड की है. एक कालम में आर्मी के 80 लोग होते हैं. हालात खराब हैं हमारे दो मंत्री शिवपुरी में कंट्रोल रूम बनाकर ही बैठे हैं.''



शिवपुरी जिले में बीते कुछ घंटों मे 800 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई है. 26 जुलाई 2005 को जब मुंबई में बाढ़ आई थी तब 944 मिलीमीटर बारिश हुई थी. इसमें एक हजार से ज्यादा लोगों की जान गई थी. अब आप इससे अंदाजा लगा लीजिए कि शिवपुरी पर सैलाब का जो सितम टूटा है, वो कितना भयावह है.


रेल की पटरियां भी झरने में तब्दील, यात्री ट्रेन में फंसे
एमपी में आज भी आसमान से आफत बरसेगी, इस बात का ऐलान मौसम विभाग पहले ही कर चुका है. हालात राज्य प्रशासन के काबू से बाहर लग रहे हैं. गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क मार्ग ही नहीं टूटा. रेल की पटरियां भी झरने में तब्दील हो गई हैं. शिवपुरी के पडरखेड़ा स्टेशन पर भारी बारिश के चलते ग्वालियर से रतलाम जा रही ट्रेन के 500 से ज्यादा मुसाफिर पूरी रात फंसे रहे. 


24 घंटों में लगभग 1600 लोगों को रेस्क्यू किया गया
ग्वालियर-चंबल संभाग में NDRF की 3 टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं, ग्वालियर में 1 और शिवपुरी में 2 टीमें बचाव कार्य में लगी हैं. लखनऊ और बनारस से एक-एक NDRF की टीमें मध्य प्रदेश के लिए रवाना हो गई है. शिवपुरी, श्योपुर, दतिया, ग्वालियर में बाढ़-बचाव कार्य के लिए 4 कॉलम आर्मी के डिप्लॉय हुए हैं. शिवपुरी जिले में SDERF की 7 टीमें तैनात हैं. अलग-अलग एजेंसियों ने पिछले 24 घंटों में लगभग 1600 लोगों को रेस्क्यू किया है. 


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