Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश की विधानसभा में पिछले दिनों पूर्व विधायकों का सम्मेलन हुआ. जिसमें यह बात सामने आई कि पूर्व विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम से मिलकर अपने वेतन भत्ते और सुविधाएं बढ़ाने की मांग की. अध्यक्ष गिरीश गौतम ने भी उनकी बात मानी और उनकी सुविधाएं बढ़ाने की मांग का प्रस्ताव सरकार को भेज दिया.


भोपाल से तीन बार के विधायक और बीजेपी सरकार में पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि पूर्व विधायकों की सुविधाएं बढ़ाने से सरकारी खजाने पर कोई असर नहीं पड़ेगा. उनका दावा है कि पूर्व विधायकों का साथ पाकर सरकारें अपना काम अच्छे तरीके से कर सकतीं हैं और विधायक पूर्व होने के बाद भी रिटायर नहीं होता. 


विधायकों पर कितना खर्च करती है सरकार?


मध्य प्रदेश सरकार करीब 450 पूर्व विधायकों के वेतन भत्ते पर 21 करोड़ रुपये सालाना खर्च कर चुकी है. प्रदेश में एक पूर्व विधायक को 35 हजार रुपये पेंशन मिलती है. एक कार्यकाल पूरा होने पर दूसरे कार्यकाल में 800 रुपये की बढ़ोतरी होती है. दो कार्यकाल पूरा होने पर ये पेंशन 39 हजार रुपये हो जाती है. मगर दिलचस्प बात यह है अगर विधायक पूर्व सांसद भी है तो इस पेंशन के साथ दूसरी पेंशन और सुविधाएं भी जारी रहती हैं. उसे दो पेंशन मिल सकती हैं. मध्य प्रदेश में कई विधायक तीन-तीन पेंशन पाते हैं. जैसे विदिशा के राघाव जी, वो पूर्व सांसद, पूर्व विधायक और मीसा बंदी भी हैं. इस तरह वो तीन पेंशन पाते हैं. 


विधायकों का कहना है कि पुरानी पेंशन में उनका गुजारा नहीं होता, ऐसे में उनकी पेंशन को दोगुना किया जाए. पेंशन दोगुनी करने के अलावा भी विधायकों ने कई अन्य मांगो को विधानसभा अध्यक्ष के सामने रखा. वहीं विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री को ही लेना है.


यह भी पढ़े : सिद्धारमैया बोले- कोई धर्म समर्थन नहीं करता पर हिंदुत्‍व और मनुवाद करते हैं हिंसा, हत्‍या और भेदभाव का सपोर्ट