नई दिल्ली: आगामी मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 के लिए कांग्रेस और बीजेपी ने अपनी-अपनी कमर कस ली है. एक तरफ पिछले डेढ़ दशक से राज्य की सत्ता पर काबिज बीजेपी हर हाल में जीत का प्रयास कर रही है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस इस विधानसभा चुनाव में अपना 'सियासी वनवास' खत्म करने की पूरी कोशिश में है. दोनों ही पार्टियों ने विधानसभा चुनाव के लिए अपने-अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करनी शुरू कर दी है. बीजेपी ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए 177 उम्मीदवारों के नाम की तो वहीं कांग्रेस ने 171 प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की है.


एडीआर के मुताबिक बीजेपी ने जिन 177 उम्मदीवारों के नाम की घोषणा की है उनमें से 28 पर आपराधिक मामले चल रहे हैं. वहीं कांग्रेस के 171 प्रत्याशियों में से 41 पर आपराधिक केस चल रहा है. वहीं गंभीर आपराधिक मामलों की बात करें तो एडीआर के मुताबिक बीजेपी के 18 और कांग्रेस के 27 उम्मीदवारों पर संगीन आपराधिक मामले चल रहे हैं.


एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने जिन उम्मीदवारों के नाम की घोषणा हुई है उनके पिछले विधानसभा चुनाव में दिए गए एफिडेविट की के आधार पर उनके उपर कितने आपराधिक मामले चल रहे हैं और इन उम्मीदवारों की सम्पत्ति क्या है इसकी जानकारी दी है.


वहीं संपत्ति के मामले में एडीआर की जानकारी के मुताबिक बीजेपी के उम्मीदवारों की सूची में अब तक 89 करोड़पति उम्मीदवार हैं. जबकि कांग्रेस के करोड़पति उम्मीदवारों की संख्या 71 है.


बता दें कि कांग्रेस ने अब तक उम्मीदवारों की दो लिस्ट जारी की है. इन दोनों लिस्टों को मिलाकर अब तक कांग्रेस ने कुल 171 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है. कांग्रेस ने जिन 171 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है उनमें से 99 उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्होंने 2013 के चुनाव में भी कांग्रेस की सीट पर चुनाव लड़ा था. वहीं सत्तारूढ़ बीजेपी की बात करें तो उसने अब तक कुल 177 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है. इसमें से 125 उम्मीदवारों ने 2013 में भी चुनाव लड़ा था.



मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में 28 नवंबर को एक चरण में वोट डाले जाएंगे और नतीजे 11 दिसंबर को आएंगे. सूबे में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच है. विधानसभा की 230 सीटें हैं. साल 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 165 सीटों पर जीत के साथ सत्ता पर अपना कब्जा जारी रखा था. कांग्रेस महज़ 58 सीटें ही जीत पाई थी.