प्रवर्तन निदेशालय (ED) के प्रयागराज सब-जोनल ऑफिस ने भदोही से पूर्व विधायक विजय मिश्रा और उनकी पत्नी पूर्व MLC राम लाली मिश्रा समेत पांच आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत चार्जशीट दाखिल की है. ये चार्जशीट 31 जुलाई, 2025 को दाखिल की गई थी, जिस पर लखनऊ की CBI कोर्ट-1 के स्पेशल जज ने 18 दिसंबर, 2025 को संज्ञान ले लिया.

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ED की जांच उत्तर प्रदेश पुलिस की FIR के आधार पर शुरू हुई थी. पुलिस ने 14 और 26 जुलाई, 2023 को भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में चार्जशीट दाखिल की थी. आरोप है कि सरकारी पद पर रहते हुए आरोपियों ने करीब 36.07 करोड़ रुपये की ऐसी संपत्ति बनाई, जो उनकी आमदनी से कहीं ज्यादा थी. ये संपत्ति चल-अचल दोनों तरह की बताई गई है.

ईडी की जांच में क्या हुआ खुलासा

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जांच में ये भी सामने आया कि विजय मिश्रा और उनके परिवार के खिलाफ उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें जबरन वसूली, अवैध खनन, अपहरण, हत्या, लूट, धोखाधड़ी, जालसाजी और संगठित अपराध जैसे आरोप शामिल हैं. ईडी का कहना है कि ये आपराधिक गतिविधियां लंबे समय से चल रही थी.

ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि सरकारी पद का गलत इस्तेमाल कर एक रियल एस्टेट कंपनी बनाई गई, जिसके जरिए अवैध कमाई को घुमाकर सफेद दिखाने की कोशिश की गई. ये पैसा अलग-अलग तरीकों से निवेश किया गया और कई संपत्तियां दूसरों के नाम पर खरीदी गई. आरोप है कि इसमें बेटे और एक करीबी सहयोगी की भी भूमिका रही.

ईडी ने 25.46 करोड़ की संपत्ति की जब्त

जांच एजेंसी के मुताबिक, अवैध कमाई का कुछ हिस्सा कर्ज दिखाकर ट्रांसफर किया गया, ताकि पैसा साफ नजर आए. इसी मामले में ईडी ने अब तक 25.46 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति जब्त की है. जब्त की गई संपत्तियां यूपी के प्रयागराज, दिल्ली, मुंबई और मध्य प्रदेश के रीवा में बताई गई है. ईडी ने साफ किया है कि इस केस में जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में और खुलासे हो सकते है.

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