पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निर्वाचन आयोग पर तीखा हमला करते हुए सोमवार (22 दिसंबर, 2025) को आरोप लगाया कि राज्य में मतदाता सूचियों की अब तक की गई विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया के बाद प्रकाशित मसौदा सूचियों में भारी त्रुटियां हैं. ममता बनर्जी ने यहां नेताजी इनडोर स्टेडियम में तृणमूल कांग्रेस के बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए इस कवायद को शुरू से आखिर तक त्रुटियों वाली करार दिया.
उन्होंने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग राज्य सरकार को सूचित किए बिना पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर रहा है और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के हितों को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहा है. उन्होंने दावा किया, 'निर्वाचन आयोग केवल भाजपा के निर्देशों पर काम कर रहा है.' ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य में एसआईआर प्रक्रिया के गणना के चरण में मतदाताओं की मैपिंग में भारी त्रुटियां हुई हैं.
ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि हजारों सही मतदाताओं के नाम मसौदा सूचियों से हटा दिए गए हैं. उन्होंने कहा, 'हमें नहीं पता कि इतने सारे असली मतदाताओं की समस्याओं को इतने कम समय में कैसे हल किया जा सकता है.' पश्चिम बंगाल में गणना के चरण के बाद प्रकाशित मसौदा मतदाता सूचियों में से 58,20,899 नाम हटाए गए हैं और राज्य में मतदाताओं की संख्या घटकर 7.08 करोड़ रह गई है.
लगभग 1.36 करोड़ नाम को तार्किक विसंगतियों के कारण चिह्नित किया गया है, जबकि 30 लाख मतदाताओं को ‘अनमैप्ड’ श्रेणी में डाला गया है. इनमें से काफी लोगों को अगले 45 दिन में सत्यापन सुनवाई के लिए बुलाया जा सकता है. तृणमूल प्रमुख ने यह भी दावा किया कि एसआईआर सुनवाई के लिए सूक्ष्म पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किए गए केंद्रीय अधिकारियों को स्थानीय भाषा का बहुत कम ज्ञान है और वे पुनरीक्षण प्रक्रिया के दूसरे चरण के दौरान सत्यापन करने के लिहाज से अयोग्य हैं.
ममता बनर्जी ने कहा, 'कई केंद्रीय एजेंसियों ने बीएलओ को नियुक्त करने में भूमिका निभाई है. उन्होंने हमारी जानकारी के बिना पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए हैं. राज्य उन्हें पूरा सहयोग देगा, लेकिन मुझे इन सभी लोगों का ब्योरा पता होना चाहिए, जिसमें यह भी शामिल है कि वे कहां रहते हैं और किन विभाग में काम करते हैं.' मुख्यमंत्री ने निर्वाचन आयोग पर विधानसभा चुनाव से पहले जबरदस्ती यह कवायद दो महीने में पूरी करने का आरोप लगाया जिसमें दो साल लगते हैं.
उन्होंने कहा, 'मैंने ऐसा बेशर्म आयोग पहले कभी नहीं देखा, और ना ही मैं भविष्य में वर्तमान आयोग को फिर से देखना चाहती हूं.' ममता बनर्जी ने सीधे तौर पर दक्षिण कोलकाता में अपने भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र का जिक्र किए बिना कहा, 'कोलकाता नगर निगम के कई वार्डों में हाल में परिसीमन हुआ, जिसकी वजह से कई पते बदल दिए गए. इससे एसआईआर सूचियों में गलत मैपिंग हुई. यह बीएलओ की गलती नहीं है, यह आयोग की गलती है.'
उन्होंने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा, 'मतदाता सूचियों में बाहरी लोगों के नाम शामिल कराने की कोशिश की जा रही है. आपको सतर्क रहना होगा और इन लोगों को पहचान कर आपत्ति दर्ज करानी होगी.' ममता बनर्जी ने मतुआ समुदाय के लोगों और अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों को भी भरोसा दिलाया कि वे मताधिकार से वंचित होने की चिंता न करें.
उन्होंने आरोप लगाया, 'भाजपा बंगाल में मुसलमानों के बीच फूट डालने की कोशिश कर रही है. वह समुदाय को बांटने की कोशिश कर रही है.' ममता बनर्जी ने कहा कि नेता नहीं बल्कि केवल जमीनी स्तर के तृणमूल कार्यकर्ता ही भाजपा को बंगाल में पैर जमाने से रोक सकते हैं. उन्होंने पार्टी समर्थकों से राज्य में सत्ता पर कब्जा करने की भगवा खेमे की कुटिल चालों का पूरी तरह से प्रतिरोध करने को कहा. मुख्यमंत्री ने कहा, 'हम बंगाल को भाजपा के चंगुल से बचाने के बाद दिल्ली पर कब्जा करेंगे.'
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