NBS Natt Passed Away: 8 साल तक कोमा में रहने के बाद टेरिटोरियल आर्मी के लेफ्टिनेंट कर्नल करणबीर सिंह नट का रविवार (24 दिसंबर) को निधन हो गया. जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में साल 2015 के नवंबर के महीने में आतंकियों के साथ भयंकर मुठभेड़ हुई थी. लेफ्टिनेंट कर्नल केबीएस नट गोलियां लगने की वजह से घायल होने के बाद कोमा में थे. इस बात की जानकारी भारतीय सेना के एक अधिकारी ने दी.


समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अधिकारी ने बताया, “नवंबर 2015 में कुपवाड़ा में आतंकवादियों से लड़ते समय लगी चोटों के कारण लेफ्टिनेंट कर्नल केबीएस नट 8 साल से अधिक समय तक कोमा में थे, उनका निधन हो गया है. इस मुठभेड़ के दौरान उन्होंने आतंकी को ढेर करते हुए अपने तीन जवानों को बचाया था. नट के परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटियां और पिता हैं.”


कौन थे केबीएस नट?


लेफ्टिनेंट कर्नल केएस नट को सितंबर 1998 में शॉर्ट सर्विस ऑफिसर के रूप में 19 गार्ड्स (गुरदासपुर) में नियुक्त किया गया था, लेफ्टिनेंट कर्नल केबीएस नट 160 इन्फैंट्री बटालियन टीए (जम्मू और कश्मीर राइफल्स) के सेकेंड-इन-कमांड थे. लेफ्टिनेंट कर्नल नट एक अनुभवी अधिकारी थे जिन्होंने लगभग 20 वर्षों तक सेना में सेवा की थी. 14 साल रेगुलर आर्मी में रहने के बाद उन्होंने टेरिटोरियल आर्मी ज्वाइन की थी.


क्या है नवंबर 2015 की घटना?


नवंबर 2015 में जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में एक के बाद एक कई मुठभेड़े हुईं. 17 नवंबर को कर्नल संतोष महादिक की कमान में 41 राष्ट्रीय राइफल्स ने कुपवाड़ा के कालारूस इलाके में बड़ पैमाने पर आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया था. इसी दौरान 22 नवंबर, 2015 को इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी मिलने के बाद सेना ने जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा के हाजी नाका गांव में एक ऑपरेशन शुरू किया था.


आतंकवादियों को एक झोपड़ी में घेरने के बाद लेफ्टिनेंट कर्नल नट को गोली लग गई. वो बुरी तरह से घायल जरूर हो गए लेकिन उन्होंने अपने तीन साथियों की जान बचा ली. इसके बाद उन्हें हवाई मार्ग से श्रीनगर लाया गया और फिर बाद में दिल्ली में सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसके बाद से वो कोमा में ही थे.


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