नई दिल्ली: कथित लव जिहाद का एक और मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. इस बार मामला उत्तराखंड का है. लड़की फिलहाल अपने माता-पिता के पास है. कोर्ट ने गुरुवार को उसे कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है.


परिवार पर जबरन लड़की को पास रखने का आरोप


सुप्रीम कोर्ट में याचिका 23 साल के मोहम्मद दानिश ने दाखिल की है. उसने दावा किया है कि 20 साल की श्वेता से उसकी मर्जी से निकाह किया. लेकिन श्वेता के परिवार वाले जबरन उसे अपने कब्जे में रखे हुए हैं. दानिश ने अपनी पत्नी वापस दिए जाने की मांग की है.


उत्तराखंड के हल्द्वानी के रहने वाली श्वेता के परिवार ने 18 मार्च को स्थानीय थाने में लड़की के गायब होने की शिकायत दर्ज करवाई थी. उन्होंने हल्द्वानी में ही ब्यूटी पार्लर चलाने वाली महक खान और उसके बेटे दानिश पर इस घटना में शामिल होने का शक जताया था.


जांच के लिए उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद पहुंची उत्तराखंड पुलिस ने दानिश के पिता नईम अहमद को हिरासत में लिया. बाद में उसकी मां महक खान को भी हिरासत में लिया गया. पुलिस को सूचना मिली कि दानिश और श्वेता ने गाजियाबाद के एक मदरसे में 18 मार्च को निकाह कर लिया था. निकाह के बाद श्वेता ने नाम बदलकर आयशा रख लिया है.


हालांकि, पुलिस ने जांच जारी रखी. 22 मार्च को दिल्ली में दानिश के एक रिश्तेदार के यहां श्वेता मिली. पुलिस उसे हल्द्वानी ले गई. तब से वो अपने परिवार के साथ है.


राज्य सरकार ने दावे को गलत बताया


आज हुई सुनवाई में उत्तराखंड सरकार और श्वेता के पिता के वकील भी मौजूद थे. उत्तराखंड सरकार के वकील ने दानिश के दावे को झूठा बताया. उन्होंने कहा कि जिस मस्ज़िद में निकाह की बात कही जा रही है, उसके काज़ी ने 18 मार्च को वहां किसी निकाह से इनकार किया है.


उत्तराखंड सरकार के वकील ने ये भी कहा कि मजिस्ट्रेट को दिए बयान में लड़की ने अपने माता-पिता के साथ रहने की इच्छा जताई है. इसलिए उसे उनके साथ रखा गया है. इस पर चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने लड़की से मिलने की बात कही. कोर्ट ने कहा- "हम लड़की से मिल कर जानना चाहते हैं कि वो कहां रहना चाहती है."


सुनवाई के दौरान लड़की के पिता ने शादी के दावे को झूठा बताया. कहा- "लड़का ड्राइवर है. उसकी पहले भी शादी हो चुकी है. कोई लड़की दूसरी बीवी क्यों बनना चाहेगी?" कोर्ट ने उन्हें चुप कराते हुए कहा- "लड़की क्या चाहती है, ये हम पता कर लेंगे"