Lok Sabha Election2024: सूरत लोकसभा सीट से बीजेपी के मुकेश दलाल निर्विरोध निर्वाचित होने पर शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने कहा, "सूरत में जो हुआ है वे चंडीगढ़ पैटर्न है. जिस तरह से कांग्रेस के उम्मीदवार का नामांकन रद्द हुआ, देश के इतिहास में ये कभी नहीं हुआ. ये लोकतंत्र को लूट लिया है वस्त्र हरण कर लिया. इसलिए हम चाहते हैं देश से ये तानाशाही खत्म होनी चाहिए.


दरअसल, सूरत में कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुंभानी का नामांकन रद्द हो गया था. जबकि, इस सीट से इस बीएसपी उम्मीदवार भारती ने अपना नामांकन वापस लिया. इसके बाद मैदान में कोई भी उम्मीदवार नहीं बचा था. ऐसे में बीजेपी के मुकेश दलाल का निर्विरोध चुना जाना तय माना जा रहा था. क्योंकि, बाकी के अन्य उम्मीदवारों ने अपना नामांकन पर्चा वापस ले लिया था.






 


वोट न कर पाने के कारण ठगा हुआ महसूस करेंगे- सांसद प्रियंका


इस बीच शिवसेना (यूबीटी) से राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी का कहना है कि प्रिय सूरतवासियों मुझे आशा है कि आप मतदान न कर पाने के कारण ठगा हुआ महसूस करेंगे, भले ही किसी उम्मीदवार के खिलाफ नोटा ही आपकी पसंद रहा हो. प्रिय इंडिया, हमने देखा कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में खुलेआम कैसे धांधली हुई.  हमने देखा कि कैसे लोकसभा में महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में बीजेपी उम्मीदवारों को मामूली आधार पर अयोग्य घोषित कर दिया गया था.


चुनावी लोकतंत्र को जुमला न बनने दें- प्रियंका चतुर्वेदी


इसके साथ ही सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि हमने ये भी देखा है कि कैसे इंडिया अलायंस के नामांक और डमी दोनों उम्मीदवारों को खारिज कर दिया गया और स्वतंत्र उम्मीदवारों को वापस लेने के लिए कहा गया, जिससे बीजेपी को विजेता घोषित कर दिया गया. सांसद ने कहा कि यदि ये लोकतंत्र के ख़त्म होने के संकेत नहीं हैं जैसा कि हम जानते हैं तो क्या है. पहले सोचें कि आप किसे वोट देंगे, चुनावी लोकतंत्र को जुमला न बनने दें.


क्या है मामला?


बता दें कि, बीजेपी ने कांग्रेस उम्मीदवार के नामांकन पत्र पर आपत्ति जताई थी. साथ ही कहा था कि कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुंभानी के नामांकन पत्र पर 4  प्रस्तावकों के हस्ताक्षर हुए थे, जिसमें से वे तीन प्रस्तावकों को चुनावी अधिकारी के सामने पेश नहीं कर पाए. जहा रविवार को दोनों पक्षों ने रिटर्निंग ऑफ़िसर के समक्ष अपनी-अपनी दलीलें पेश कीं और आख़िरकार कांग्रेसी उम्मीदवार का पर्चा ही ख़ारिज कर दिया गया. उन पर आरोप है नीलेश ने अपने नामांकन पत्र पर चार में से तीन प्रस्तावकों के फ़र्जी हस्ताक्षरों का इस्तेमाल किया है.


हालांकि,  जिन 3 प्रस्तावकों ने अपने हस्ताक्षर फ़र्ज़ी होने का दावा किया है वो तीनों ही कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुंभानी के बेहद क़रीबी हैं. इसमें एक उनके बहनोई, एक भतीजा और एक उनके कारोबारी पार्टनर हैं. चूंकि ये तीनों नीलेश कुंभानी के करीबी लोग हैं. वहीं, इस घटना के बाद से तीनों लोगों से संपर्क नहीं हो पा रहा है.


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