Election King Story: लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है. देश के सबसे बड़े सियासी दंगल में एक से बढ़कर एक योद्धा मैदान में हैं, जिनमें एक ऐसे शख्स हैं, जो अब तक 200 से अधिक बार चुनाव लड़ चुके हैं. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जैसे बड़े नेताओं के खिलाफ हार चुके हैं लेकिन कभी हिम्मत नहीं हारी. यही वजह है कि तमिलनाडु के इस प्रत्याशाी को जीत के लिए नहीं बल्कि हार के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है. उनका नाम है के पद्मराजन.


के पद्मराजन के नाम विश्व रिकॉर्ड भी दर्ज है. 238 बार चुनाव हारने वाले के पद्मराजन का नाम भारत के सबसे असफल उम्मीदवार के रूप में ‘लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में दर्ज है. उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन साल 2011 में था और तब वह मेट्टूर में विधानसभा चुनाव के लिए खड़े हुए थे. उन्हें तब 6,273 वोट मिले थे, जबकि अंतिम विजेता को 75,000 से अधिक वोट मिले थे.


के पद्मराजन हैं 'वर्ल्ड बिगेस्ट इलेक्शन लूजर'


 65 साल के के.पद्मराजन को इलेक्शन किंग के साथ ‘वर्ल्ड बिगेस्ट इलेक्शन लूजर’ की उपाधि मिल चुकी है. 238 बार चुनाव हार चुके के पद्मराजन फिर से तमिलनाडु के धर्मपुरी जिले की एक संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. 


किस मकसद से चुनाव लड़ते हैं इलेक्शन किंग‌?


के पद्मराजन टायर रिपेयर शॉप के मालिक हैं. उन्होंने 1988 में तमिलनाडु के होमटाउन मेट्टूर से चुनाव लड़ना शुरू किया था. उन्होंने जब पहली बार चुनाव लड़ने के लिए नामांकन-पत्र भरा था तो लोग हंसे थे पर तब के पद्मराजन ने कहा था- मैं यह साबित करना चाहता हूं कि एक सामान्य आदमी भी चुनाव लड़ सकता है. सभी उम्मीदवार चुनाव में जीत चाहते हैं लेकिन मुझे इसकी तमन्ना नहीं है. जब हार होती है तो मुझे खुशी होती है. मेरा मकसद सिर्फ लोगों के मन में यह भरोसा जताना है कि आम आदमी भी चुनावी मैदान में उतर सकता है.


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