Lok Sabha on President Rule in Manipur : लोकसभा ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की पुष्टि करने वाले सांविधिक संकल्प को बुधवार (2 अप्रैल) की देर रात पारित कर दिया. हिंसा से ग्रस्त मणिपुर में 13 फरवरी को राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था. उच्चतम न्यायालय के एक निर्णय के अनुरूप दो महीने के अंदर राष्ट्रपति शासन की पुष्टि के लिए एक सांविधिक संकल्प केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में प्रस्तुत किया.

बहुमत सदस्य बोले, वे मणिपुर में सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है- अमित शाह

गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में कहा कि मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा दिया था, जिसके बाद राज्यपाल ने विधायकों से चर्चा की और बहुमत सदस्यों ने कहा कि वे सरकार बनाने की स्थिति में नहीं हैं. शाह ने कहा कि इसके बाद कैबिनेट ने राष्ट्रपति शासन की अनुशंसा की जिसे राष्ट्रपति महोदया द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार कर लिया.

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुरूप लेकर आया सांविधिक संकल्प

उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय के निर्णय के अनुरूप मैं दो महीने के अंदर इस संबंध में सदन के अनुमोदन के लिए सांविधिक संकल्प लाया हूं.’’ शाह ने आगे कहा कि सरकार की पहली चिंता मणिपुर में शांति स्थापित करने की है और फिलहाल पिछले चार महीने से मणिपुर में एक भी मौत की घटना नहीं हुई है और केवल दो लोग घायल हुए हैं.

शाह ने विपक्ष से की अपील, मणिपुर के मुद्दे पर राजनीति न करें

उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि मणिपुर में जल्द शांति हो, पुनर्वास हो और लोगों के जख्मों पर मरहम लगाया जाए. इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में विपक्षी दलों से मणिपुर के मुद्दे पर राजनीति नहीं करने की अपील की.

उल्लेखनीय है कि मणिपुर हिंसा के 21 महीने के बाद रविवार (9 फरवरी) को राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने इंफाल के राजभवन में राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना त्यागपत्र सौंपा था.