PM Modi On Electoral Bond Scheme: केंद्र सरकार की चुनावी बॉन्ड स्कीम को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया और लोकसभा चुनाव 2024 में एक मुद्दा बनी हुई है. मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी बेबाकी से राय रखते हुए कहा कि इस योजना के जरिए चुनावों में काले धन पर रोक लगाना था और जब इसको लेकर ईमानदारी से विचार किया जाएगा तो हर किसी को इस पर अफसोस होगा.


न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने चुनावी बॉन्ड को लेकर विपक्ष पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि उन्होंने कभी भी ये नहीं कहा कि किसी फैसले में कमियां नहीं हो सकतीं. पीएम मोदी ने कहा, “हम तो एक रास्ता ढूंढ़ रहे थे और हमने कभी भी ये नहीं कहा कि ये बिल्कुल सही रास्ता है. हम तो सिर्फ ये चाहते थे कि एक प्रयास किया जाएगा.”


‘चुनाव काले धन से कैसे मुक्त हो?’


पीएम मोदी ने आगे कहा, “हमारे देश में लंबे समय से चर्चा चल रही है कि काले धन के जरिए चुनावों में खतरनाक खेल होता है. देश के चुनावों में काले धन का खेल खत्म हो, यह चर्चा लंबे समय से चली आ रही है. चुनाव में पैसा खर्च होता है, इस बात से कोई भी इनकार नहीं कर सकता. मेरी पार्टी भी खर्च करती है, सभी पार्टियां, उम्मीदवार खर्च करते हैं और पैसा लोगों से लेना पड़ता है. मैं चाहता था कि एक प्रयास किया जाए. इसको लेकर मेरे मन में एक शुद्ध विचार था. हमें एक छोटा सा रास्ता मिला.”


उन्होंने बताया कि पहले बीजेपी ने सभी राजनीतिक चंदा चेक के जरिए लेने का फैसला किया था लेकिन बिजनेसमैन लोगों ने कहा कि इस तरह से तो सरकारों को पता चल जाएगा कि उन्होंने किस राजनीतिक दल को कितना पैसा दिया है और उन्हें परेशाना किया जाएगा.


‘चुनावी बॉन्ड न होता तो कैसे पता लगाते, किसने कितना दिया?’


पीएम मोदीने कहा, “मुझे याद है कि नब्बे के दशक में बीजेपी को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था, पैसा नहीं था क्योंकि हमारे पास ये नियम था. जो देना चाहते थे उनके पास देने का हिम्मत नहीं थी. मुझे ये सब पता था. अब खुद ही देख लीजिए कि अगर कोई चुनावी बॉन्ड नहीं होता तो किस प्रणाली के तहत ये पता लगाया जा सकता था कि पैसा कैसे आया औऱ कहां से आया और कहां गया.”


उन्होंने आगे कहा, “"यह चुनावी बांड की सफलता की कहानी है, चुनावी बांड थे, इसलिए आपको पता चल रहा है कि किस कंपनी ने दिया, कैसे दिया, कहां दिया. इस प्रक्रिया में जो हुआ वह अच्छा था या बुरा यह बहस का मुद्दा हो सकता है. मैं यह कभी नहीं कहता कि निर्णय लेने में कोई कमी नहीं है. हम चर्चा करके सीखते हैं और सुधार करते हैं. इसमें भी सुधार की काफी गुंजाइश है लेकिन आज हमने देश को पूरी तरह से काले धन की ओर धकेल दिया है, इसलिए मैं कहता हूं कि हर किसी को इसका पछतावा होगा. जब वे ईमानदारी से सोचेंगे तो सभी को पछताना पड़ेगा.”


विपक्ष के आरोपों पर क्या बोले पीएम मोदी?


पीएम मोदी ने कहा कि चुनावी बॉन्ड योजना के माध्यम से दान देने वाली 3,000 कंपनियों में से 26 को प्रवर्तन निदेशालय जैसी जांच एजेंसियों की कार्रवाई का सामना करना पड़ा. प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि इन 26 कंपनियों में से 16 ऐसी थीं, जिन्होंने कार्रवाई का सामना करने पर चुनावी बॉन्ड लिया. उन्होंने कहा, “इनमें से (16 कंपनियों) 37 प्रतिशत राशि बीजेपी को और 63 प्रतिशत बीजेपी विरोधी विपक्षी दलों को गई. ईडी का छापा पड़ा है. विपक्ष को चंदा देने का काम, क्या बीजेपी ऐसा करेगी? इसका मतलब है कि इस राशि का 63 प्रतिशत विपक्ष के पास गया और आप हमारे खिलाफ आरोप लगा रहे हैं. उनका लक्ष्य इधर-उधर छिपते रहना और भाग जाना है."


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