S Jaishankar: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार (5, मई ) को कहा कि धर्मनिरपेक्षता का मतलब सभी धर्मों के लिए सम्मान है और इसका मतलब यह नहीं है कि आप अपने धर्म से इनकार करते हैं या किसी तरह अपनी संस्कृति और विरासत पर गर्व नहीं करते हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस अवधारणा से उनका क्या मतलब है. 


दरअसल, विदेश मंत्री जयशंकर ने ओडिशा के कटक में बीजेपी प्रत्याशी के समर्थन में आयोजित एक चुनावी कार्यक्रम के दौरान यह बात कही. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, जयशंकर ने धर्मनिरपेक्षता पर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि आप सबसे पहले यह स्पष्ट कर लें कि धर्मनिरपेक्षता से हमारा क्या मतलब है, धर्मनिरपेक्षता का मतलब सभी धर्मों के लिए सम्मान है. आज के भारत में इतिहास, संस्कृति और परंपराएं हैं.


धर्म को लेकर क्या बोले जयशंकर


जयशंकर ने कहा, ''ये जीवन के तथ्य हैं, अगर 3,000 साल पहले कुछ था तो यह एक वास्तविकता थी. इसलिए हमें इनमें से कई चीजों के बारे में रक्षात्मक नहीं होना चाहिए. मैं सभी धर्मों का सम्मान करूंगा, लेकिन जाहिर तौर पर जैसा कि आप जानते हैं कि एक व्यक्ति के रूप में मुझे अपने राज्य पर गर्व होगा. मैं इस तरह से काम करूंगा, जिसमें मैं सभी का संज्ञान ले सकूं, लेकिन मुझे किसी भी तरह से अपनी पहचान को कम नहीं आंकना है और मुझे लगता है कि हमें इसके लिए सम्मान भी मिलता है.''


'एक विश्वबंधु राष्ट्र बन गया है भारत'


उन्होंने कार्यक्रम के दौरान आगे कहा कि भारत एक विश्वबंधु राष्ट्र बन गया है, जो अस्थिरता, अराजकता और युद्ध वाली दुनिया में सभी के साथ सद्भाव से काम करता है. यह अब भारत की पहचान बन गया है. हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हमारे पास इतने सारे भागीदार हैं. विदेश मंत्री ने कहा कि हम अमेरिका, यूरोप, रूस, खाड़ी देशों या इजरायल के साथ एक साथ हाथ मिला सकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि उनके आंतरिक झगड़े हो सकते हैं, लेकिन जो देश अपने राष्ट्रीय हितों के लिए विभिन्न देशों से निपट सकता है और उनके साथ साझेदारी स्थापित कर सकता है, उसे विश्वबंधु कहा जाता है.


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