Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले नेताओं का एक पार्टी से दूसरी पार्टी में आना-जाना लगा हुआ है. इसी क्रम में मध्य प्रदेश में कांग्रेस को करारा झटका देते हुए सुरेश पचौरी शनिवार (09 मार्च) को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए. उनके साथ अन्य कांग्रेस नेताओं ने भी बीजेपी का दामन थामा है.


सुरेश पचौरी की अगर बात की जाए तो उनका और कांग्रेस का बहुत पुराना साथ है. उन्होंने 1972 में कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी. इसके बाद वो केंद्रीय मंत्री, मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद भी रहे. कांग्रेस में रहते हुए उन्होंने बीजेपी की फायर ब्रांड नेता उमा भारती के खिलाफ चुनाव भी लड़ा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में बयान भी दिए.


पीएम मोदी के विरोध में क्या कहा था?


सुरेश पचौरी ने कांग्रेस में रहते हुए पीएम मोदी को निशाने पर लेते हुए कहा था, “डबल इंजन की सरकार फेल है. नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हर साल 2 करोड़ लोगों को रोजगार दिया जाएगा लेकिन सरकार इसे करने में नाकाम रही. हर एक के खाते में 15 लाख रुपये की बात भी एक जुमला साबित हुई.”


उमा भारती के खिलाफ लड़ा चुनाव


उन्होंने मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के खिलाफ साल 1999 में भोपाल सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. उमा भारती ने सुरेश पचौरी को लगभग 1.5 लाख से भी ज्यादा वोटों से हराया था. इसके बाद साल 20213 में उन्होंने भोजपुर सीट से राजेंद्र पटवा के खिलाफ चुनाव लड़ा और यहां भी उन्हें हार सामना करना पड़ा.






सुरेश पचौरी का कांग्रेस में कितना बड़ा कद?


तत्कालीन कांग्रेस नेता सुरेश पचौरी कांग्रेस में कद का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कांग्रेस ने उन्हें तीन बार राज्यसभा भेजा है, वे पहली बार 1990-96 तक राज्यसभा सदस्य रहे, जबकि दूसरी बार 1996-2002 और तीसरी बार 2002 से 2008 तक. वे दो बार केन्द्रीय मंत्री रहे. युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सहित में कांग्रेस के भी वे प्रदेश अध्यक्ष रहे.


सुरेश पचौरी का राजनीतिक सफर


बता दें सुरेश पचौरी कांग्रेस के दिग्गज नेता और गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं. पचौरी वर्ष 1981-83 में ही मप्र युवा कांग्रेस के महासचिव बन गए थे, जबकि 1984-85 में मप्र युवा कांग्रेस के अध्यक्ष, 1985-88 तक भारतीय युवा कांग्रेस के महासचिव, 1984-90 राज्यसभा सदस्य रहे.






1990 में गृह एवं रक्षा मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य, 1990-96 राज्यसभा सदस्य, 1995-96 में केन्द्रीय रक्षा उत्पादन राज्य मंत्री, 1996-2002 में राज्यसभा सदस्य, वर्ष 2000 में राज्यसभा के उपाध्यक्ष (पैनल), 2002-2008 में राज्यसभा सदस्य, 2004 में मुख्य सचेतक राज्यसभा, 2004-2008 तक कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन और संसदीय कार्य मंत्रालय में पद मिला और  2008-2011 में मप्र कांग्रेस के अध्यक्ष रहे.


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