Kamal Nath Dilemma: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले राजनीतिक दलों में उथल पुथल मची हुई है. दिग्गज नेता एक दल छोड़कर दूसरे दल में शामिल हो रहे हैं. इसी क्रम में अटकलें लगाई जा रही हैं कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने सांसद बेटे नकुलनाथ और भरोसेमंद विधायकों के साथ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो सकते हैं.


पिछले दो दिनों से इसी पर चर्चा हो रही है कि कमलनाथ कभी भी कांग्रेस का हाथ छोड़ सकते हैं. वहीं इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कमलनाथ इस समय बहुत बड़े धर्मसंकट में फंसे हुए हैं. उन्हें ये समझ नहीं आ रहा है कि बीजेपी में शामिल हों या नहीं.


कमलनाथ का क्या है संकट?


दरअसल एक तरफ जहां कमलनाथ ने बीजेपी में शामिल होने की अटकलों पर रुख साफ नहीं किया. जबकि पत्रकारों ने उनसे इसको लेकर कई बार सवाल किया. उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि जो भी होगा बता दिया जाएगा. इसके बाद कांग्रेस ने कमलनाथ के करीबी विधायकों तक पहुंचना शुरू कर दिया. कांग्रेस की मध्य प्रदेश की ईकाई अपने विधायकों को एकजुट करने की पूरी कोशिश कर रही है.


वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस कमलनाथ पर बीजेपी में न शामिल होने का दवाब बना रही है. केंद्रीय नेतृत्व का ये भी मानना है कि बीजेपी भी कमलनाथ को अपने पाले में लेने में सकुचा रही है क्योंकि उनके खिलाफ 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों का आरोप है.


कमलनाथ के करीबी विधायक कर सकते हैं खेला!


उधर, कांग्रेस को भी इस बात की चिंता सता रही है कि कमलनाथ अगर बीजेपी में शामिल हो जाते हैं तो उनके करीबी विधायक खेल बिगाड़ सकते हैं. कांग्रेस सूत्रों का मानना है कि कमलनाथ तो कांग्रेस छोड़ने के इच्छुक हैं लेकिन वो सिर्फ अपने बेटे नकुलनाथ को बीजेपी में शामिल करा सकते हैं लेकिन सबसे बड़ी चिंता उनके करीबी विधायकों को लेकर है.


एक दर्जन विधायकों के साथ दिल्ली में कमलनाथ


कमलनाथ अपने करीबियों और कम से कम एक दर्जन विधायकों के साथ दिल्ली में हैं और वे अपने लिए भविष्य की रणनीति बना रहे हैं. छिंदवाड़ा के लोगों के साथ-सात उनके समर्थक कमलनाथ की चुप्पी टूटने का इंतजार कर रहे हैं जिससे फिर आगे की ओर बढ़ा जा सके.  


ये भी पढ़ें: कमलनाथ ने कांग्रेस का साथ छोड़ बीजेपी का हाथ थामा तो पार्टी को क्या फायदा होगा? यहां समझिए चुनावी गणित