Lok Sabha Elections 2024 Latest News: बेशक राहुल गांधी इस बार अमेठी लोकसभा सीट की जगह रायबरेली सीट से चुनावी मैदान में हैं, लेकिन स्मृति ईरानी की ओर से राहुल पर सियासी हमला जारी है. केंद्रीय मंत्री और अमेठी से बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी ने मंगलवार (7 मई 2024) को पाकिस्तान के नेता चौधरी फवाद हुसैन की तरफ से मिल रही तारीफ को लेकर राहुल गांधी पर जमकर हमला किया.
स्मृति ईरानी चौधरी फवाद हुसैन पर भी खूब बरसीं. उन्होंने कहा, “ये पाकिस्तान को संभालने में सक्षम नहीं थे, लेकिन अमेठी के बारे में चिंता कर रहे हैं. अब तक मैं केवल कांग्रेस नेता के खिलाफ चुनाव लड़ती थी, लेकिन अब एक पाकिस्तानी नेता ने कहा है कि स्मृति ईरानी को पराजित किया जाना चाहिए.”
'अमेठी में बनी राइफल से मारे जाते हैं पाकिस्तानी आतंकी'
स्मृति ईरानी ने आगे कहा, “मैं यह बता देना चाहती हूं कि यह वह अमेठी है, जहां पीएम मोदी ने एके 203 राइफल के कारखाने का निर्माण किया है. इस राइफल का इस्तेमाल बॉर्डर्स पर पाकिस्तानी आतंकवादियों को मारने के लिए किया जाता है.”
'कांग्रेस हार का विश्लेषण करने की तैयारी में अभी से जुटी'
इसके बाद स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी पर हमला किया. उन्होंने कहा, "चुनाव चल रहा है देश में लेकिन (राहुल गांधी) आपको समर्थन मिल रहा है विदेश में." स्मृति ईरानी ने आगे कहा कि चुनाव के नतीजे आने के बाद कांग्रेस पार्टी अमेठी में हार को लेकर विश्लेषण करने की तैयारी अभी से करने लगी है. उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर इंडिया गठबंधन सत्ता में आएगी तो राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट देगी और वहां मस्जिद बनाएगी.
चौधरी फवाद हुसैन ने कई बार की है राहुल गांधी की तारीफ
बता दें कि इमरान खान सरकार में मंत्री रहे चौधरी फावद हुसैन ने राहुल के समर्थन में सोशल मीडिया पर कई पोस्ट किए थे. 3 मई को हुसैन ने स्मृति ईरानी को अपनी पोस्ट में टैग करते हुए लिखा था: "होप अमेठी इस नफरत को हरा देगा.” इसके अलावा राहुल के समर्थन में उन्होंने लिखा था, "राहुल ऑन फायर ...." इस पोस्ट के बाद एक और पोस्ट में फवाद ने राहुल की तारीफ की. उन्होंने लिखा, "राहुल गांधी अपने महान दादा जवाहरलाल की तरह उनमें एक समाजवादी हैं, भारत और पाक की समस्याएं 75 साल के विभाजन के बाद भी समान हैं, राहुल साहब ने अपने पिछली रात के भाषण में कहा कि 30 या 50 परिवारों के पास भारत का 70% धन है. पाकिस्तान में भी यही स्थिति है. धन का उचित वितरण पूंजीवाद की सबसे बड़ी चुनौती है."