Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के बीच पश्चिम बंगाल के दो प्रमुख धार्मिक संगठनों ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आरोपों को खारिज कर दिया है. दरअसल, दो प्रमुख मठों के कुछ भिक्षुओं पर चुनावों में बीजेपी के पक्ष में काम करने का आरोप लगाने पर उठे विवाद के बीच, धार्मिक संस्थाओं ने कहा कि हम हमेशा राजनीति से दूर रहे हैं. हमने कभी किसी भी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए वोट नहीं मांगे हैं.


दरअसल, तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो बनर्जी ने शनिवार को एक चुनावी रैली में आरोप लगाया था कि पश्चिम बंगाल में दो प्रमुख मठों के कुछ भिक्षु बीजेपी के निर्देशों के तहत काम कर रहे थे. ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि रामकृष्ण मिशन के कुछ भिक्षुओं ने आसनसोल में भक्तों से बीजेपी के पक्ष में वोट करने के लिए कहा था, जबकि भारत सेवाश्रम संघ के एक भिक्षु ने टीएमसी एजेंट को बहरामपुर में एक मतदान केंद्र पर बैठने से मना किया था.


ममता बनर्जी के आरोपों की PM मोदी ने की आलोचना


इन्हीं आरोपों का जिक्र करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पुरुलिया में एक रैली में कहा कि टीएमसी रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ के खिलाफ झूठ फैलाकर "हद से परे" चली गई है. पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि सीएम ममता बनर्जी अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए उन्हें "धमकी" दे रही हैं.


हम गलत आरोपों से दुखी हैं- रामकृष्ण मिशन


हालांकि, रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ दोनों ने आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि वे केवल समाज की सेवा पर ध्यान केंद्रित करते हैं. इस दौरान बेलूर में रामकृष्ण मिशन के मुख्यालय के एक वरिष्ठ भिक्षु ने कहा कि हम इन आरोपों से दुखी हैं. उन्होंने कहा कि हम किसी भी विवाद में फंसना नहीं चाहते हैं. सभी क्षेत्रों से हजारों आगंतुक हमारे परिसर में प्रार्थना करने आते हैं.


उन्होंने कहा कि हमारे लिए पीएम और सीएम हर कोई समान है. उन्होंने कहा, "हम लोगों के बीच धर्म और अध्यात्म के शाश्वत मूल्यों को फैलाने का प्रयास करते हैं. मेरी जानकारी के अनुसार, न तो मिशन और न ही हमारे आदेश के किसी भिक्षु ने किसी को किसी विशेष पार्टी के लिए वोट करने के लिए कहा था."


न तो हम कभी राजनीति में शामिल थे और न होंगे- भारत सेवाश्रम संघ


इस बीच भारत सेवाश्रम संघ के एक प्रवक्ता ने कहा कि चक्रवात से लेकर कोविड 19 ​​​​तक, हम हमेशा दूर-दराज के इलाकों में प्रभावितों की सहायता के लिए पहुंचे हैं. हम 107 साल पुराने संगठन हैं और हमारे भिक्षु धर्मार्थ स्वास्थ्य क्लीनिक, अस्पताल और शैक्षणिक संस्थान चलाते हैं. प्रवक्ता ने कहा कि देश भर के संस्थान न तो हम कभी राजनीति में शामिल थे और न ही भविष्य में होंगे.


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