Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी  (BJP) ने 400 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. हालांकि, बीजेपी के लिए ये टारगेट हासिल करना आसान नहीं होने वाला है. पार्टी को अलग-अलग राज्य में कई चुनौतियों का सामना करना है. खासकर महाराष्ट्र के मराठावाड़ा में जहां मनोज जरांगे पाटिल, संभावित सूखा और सहयोगी दलों की अधिक सीटों की मांग लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी के लिए सिर दर्द बनी हुई है.


पिछले चुनाव में बीजेपी ने यहां अविभाजित शिवसेना के साथ मिलकर जीत हासिल की थी. ऐसे में इस बार भी पार्टी यहां जीत अर्जित करना चाहती है. द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक इसके चलते बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण राज्यसभा का टिकट दिया. साथ ही क्षेत्र में अपनी पैठ बनाने के लिए पूर्व सीएम को कथित तौर पर नांदेड़ और हिंगोली में कांग्रेस पर आक्रामक रूप से निशाना साधने का काम सौंपा गया है.


मराठवाड़ा में 8 लोकसभा सीट
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में आठ लोकसभा और 48 विधानसभा सीट हैं. वर्तमान में यहां से बीजेपी के पास 4, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के पास दो और अजीत पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के पास कोई सांसद नहीं है. ऐसे में बीजेपी इस क्षेत्र में सहयोगी दलों के साथ बेहतर ढंग से बार्गेनिंग की स्थिति में है.


2019 में बीजेपी ने जीती थीं 4 सीट
फिलहाल बीड, जालना, नांदेड़ और लातूर में बीजेपी का कब्जा है, जबकि परभणी और हिंगोली सीट पर शिवसेना के सांसद काबिज हैं. हालांकि, मराठवाड़ा में बीजेपी का दावा क्षेत्र के विधानसभा क्षेत्रों में उसके मजबूत आधार से भी उपजा है. 2019 में बीजेपी ने यहां 18 विधानसभा सीटें जीतीं, जबकि अविभाजित शिवसेना ने 12 सीटें जीतीं. गठबंधन में चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने क्रमशः सात और 14 सीटें जीतीं थीं.


सीट बंटवारे में फंस सकता है पेच
परभणी लोकसभा सीट सत्तारूढ़ 'महायुति' गठबंधन के सहयोगियों के बीच सीट-बंटवारे में पेच फंसने की संभावना है, क्योंकि तीनों दलों ने कथित तौर पर इस पर दावा किया है. कथित तौर पर शिवसेना संभाजीनगर (पहले औरंगाबाद) और धाराशिव (पहले उस्मानाबाद) सीट से चुनाव लड़ने की इच्छुक है, जिसे बीजेपी छोड़ना नहीं चाहती है.


बीजेपी पहले ही साफ कर चुकी है कि सीट-बंटवारे पर फैसला लेते समय जीत के फैक्टर को ध्यान में रखा जाएगा और सीट शेयरिंग के लिए जीतने की क्षमता अहम पैमाना होगा. बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि पार्टी परभणी सीट अजित पवार को दे सकती है और धाराशिव को अपने पास रख सकती है, जबकि संभाजीनगर पर फैसला शिवसेना के उम्मीदवार की ताकत के आधार पर लिया जाएगा.


जरांगे पाटिल ने खोल रखा है मोर्चा
सीट-बंटवारे की बातचीत के अलावा जारांगे-पाटिल भी सत्ता रूढ़ पार्टी के लिए परेशानी का कारण बने हुए हैं. उन्होंने राज्य सरकार के खिलाफ ऋषि सोयारे (रक्त रिश्तेदार) को कुनबी प्रमाण पत्र देने पर मसौदा अधिसूचना लागू नहीं करने पर मोर्चा खोल रखा है. उन्होंने शनिवार को 'रास्ता रोको' आंदोलन का आह्वान भी किया है.


वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) प्रमुख प्रकाश अंबेडकर ने भी लोगों से आंदोलन का समर्थन करने का आग्रह किया है. हालांकि, समुदाय के वोटर्स को साधने के लिए एकनाथ शिंदे 10 फीसदी कोटा की घोषणा कर चुके हैं.


सूखा बन सकता है मुसिबत
सूखाग्रस्त माने जाने वाले इस क्षेत्र में पानी की स्थिति पर भी बीजेपी नेताओं की पैनी नजर है. लोकसभा चुनाव अप्रैल या मई के गर्मियों के महीनों में होंगे. ऐसे में जल संकट सरकार के खिलाफ लोगों में गुस्सा पैदा कर सकता है. हालांकि, सरकार ने पिछले साल मराठावाड़ा के लिए 45 हजार करोड़ रुपये पैकेज की घोषणा की थी.


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