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पीएम मोदी ने कहा, ‘’आज की पीढ़ी घर से ही गूगल से बात करके ये जान लेती है कि उसकी ट्रेन समय पर है या नहीं. नई पीढ़ी वो है जो किसी और से पूछने के बजाए, तकनीक की मदद से जानकारी जुटा लेती है. इसका मतलब कि उसे तकनीक का उपयोग क्या होना चाहिए, ये पता लग गया.’’
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टैक्नोलॉजी पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा, ‘’स्मार्ट फोन जितना समय आपका समय चोरी करता है, उसमें से 10 प्रतिशत कम करके आप अपने मां, बाप, दादा, दादी के साथ बिताएं. तकनीक हमें खींचकर ले जाए, उससे हमें बचकर रहना चाहिए. हमारे अंदर ये भावना होनी चाहिए कि मैं तकनीक को अपनी मर्जी से उपयोग करूंगा.’’
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एक सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा, ‘’पिछली शताब्दी के आखरी कालखंड और इस शताब्दी के आरंभ कालखंड में विज्ञान और तकनीक ने जीवन को बदल दिया है। इसलिए तकनीक का भय कतई अपने जीवन में आने नहीं देना चाहिए. तकनीक को हम अपना दोस्त माने, बदलती तकनीक की हम पहले से जानकारी जुटाएं, ये जरूरी है.’’
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एक सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा, ‘अगर आप कोई अन्य एक्टिविटी नहीं करते हैं और बिलकुल रोबोट की तरह सुबह से शाम तक कार्य करते रहोगे तो, आप सच में एक रोबोट बनकर रह जाओगे, क्या आप चाहते हैं कि ऐसा हो? हमारा नौजवान ऊर्जा से भरा हुआ, सपनों को लेकर चलने वाला, साहस दिखाने वाला नहीं होगा तो, कुछ नहीं होगा.’’
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पीएम मोदी ने कहा, ‘’आज संभावनाएं बहुत बढ़ गई हैं. सिर्फ परीक्षा के अंक जिंदगी नहीं हैं. कोई एक परीक्षा पूरी जिंदगी नहीं है. ये एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, लेकिन यही सब कुछ है, ऐसा नहीं मानना चाहिए. मैं माता-पिता से भी आग्रह करूंगा कि बच्चों से ऐसी बातें न करें कि परीक्षा ही सब कुछ है.’’
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बच्चों के एक सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने साल 2001 के भारत-ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट मैच का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि उस मैच में राहुल द्रविण और वीवीएस लक्ष्मण आखिर तक डटे रहे और भारत की जीत दिलाई. इसी तरह से अनिल कुंबले के जबड़े में चोट लग गई थी, लेकिन उसके बाद भी उन्होंने खेलने का संकल्प लिया और टीम को जीत दिला दी.
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चंद्रयान 2 मिशन के बारे में पीएम मोदी ने कहा, ‘’हम विफलताओं मैं भी सफलता की शिक्षा पा सकते हैं. हर प्रयास में हम उत्साह भर सकते हैं और किसी चीज में आप विफल हो गए तो उसका मतलब है कि अब आप सफलता की ओर चल पड़े हो.’’ उन्होंने कहा, ‘’जाने अनजाने में हम लोग उस दिशा में चल पड़े हैं जिसमें सफलता-विफलता का मुख्य बिंदु कुछ विशेष परीक्षाओं के मार्क्स बन गए हैं. उसके कारण मन भी उस बात पर रहता है कि बाकी सब बाद में करूंगा, एक बार मार्क्स ले आऊं.’’
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चंद्रयान 2 मिशन के बारे में पीएम मोदी ने कहा, ‘’मैं भी तब वहां मौजूद था. मुझे कुछ लोगों ने कहा कि मुझे वहां नहीं जाना चाहिए, क्योंकि मिशन की सफलता की कोई गारंटी नहीं है। तब मैंने उनसे कहा कि इसलिए मैं वहां गया था. मैं कुछ वैज्ञानिकों के साथ वहां बैठा, उन्हें सांत्वना दी.’’
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पीएम मोदी ने कहा, ‘’मोटिवेशन और डिमोटिवेशन का सवाल है, जीवन में कोई व्यक्ति ऐसा नहीं है जिसे ऐसे दौर से न गुजरना पड़ता हो. चंद्रयान को भेजने में आपका कोई योगदान नहीं था, लेकिन आप ऐसे मन लगाकर बैठे होंगे कि जैसे आपने ही ये किया हो. जब सफलता नहीं मिली तो आप भी डिमोटिवेट हुए.’’
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पीएम मोदी ने कहा, ‘’एक व्यक्ति का संकल्प दूसरों को भी मॉटीवेट करता है. हिंदुस्तान के लिए ये दशक बहुत महत्वपूर्ण है. परीक्षा के अंक जिंदगी नहीं है, यह एक पड़ाव है. फेल हुए तो ‘दुनिया लुट गई’ जैसा कुछ नहीं है. हम विफलता के बाद भी शिक्षा पा सकते हैं. परीक्षा का महत्व है, लेकिन परीक्षा ही सबकुछ है, इससे हमें बाहर आना चाहिए.’’
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पीएम मोदी ने बच्चों को चंद्रयान 2 मिशन का उदाहरण देते हुए कहा, ''विफलता के बाद रुके नहीं, आगे बढ़ें. अपेक्षा पूरी नहीं होने पर मूड ऑफ न करें'' उन्होंने कहा, ''युवा पीढ़ी से बात करना मेरा सबसे बड़ा अनुभव है.''
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एक छात्रा के सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा, ‘’क्या कभी हमने सोचा है कि मूड ऑफ क्यों होता है? अपने कारण से या बाहर के किसी कारण से. अधिकतर आपने देखा होगा कि जब मूड ऑफ होता है, तो उसका कारण ज्यादातर बाह्य होते हैं.’’
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पीएम मोदी ने कहा, ‘’जैसे आपके माता-पिता के मन में 10वीं, 12वीं को लेकर टेंशन रहती है, तो मुझे लगा आपके माता-पिता का भी बोझ मुझे हल्का करना चाहिए. मैं भी आपके परिवार का सदस्य हूं, तो मैंने समझा कि मैं भी सामुहिक रूप से ये जिम्मेदारी निभाऊं.’’
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पीएम मोदी ने कहा- अगर कोई पूछे कि इतने सारे कार्यक्रमों आपका सबसे पसंदीदा कार्यक्रम कौन सा है? तो मैं कहूंगा- परीक्षा पर चर्चा. मुझे देश के अलग अलग कोने में युवा क्या सोच रहे हैं यह जानने का मौका देती है.
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परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम शुरू हो गया है. पीएम मोदी ने कहा- फिर आपका ये दोस्त आपके बीच में है. मैं आपको नए साल की बहुत बहुत शुभकामनाएं देता हूं. ये सिर्फ नया साल ही नहीं नया दशक है, यह आपके लिए और देश के लिए भी महत्वपूर्ण है. इस दशक के लिए आपको अनेक अनेक शुभकामनाएं देता हूं.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परीक्षा पर चर्चा के लिए ताल कटोरा स्टेडियम पहुंच गए हैं. प्रधानमंत्री का स्वागत शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने किया. कार्यक्रम थोड़ी देर में शुरू होगा. इससे पहले प्रधानमंत्री ने छात्रों की परीक्षा से जुड़ी परेशानियों से जुड़ी एक प्रदर्शनी देखी.
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पीएम मोदी थोड़ी देर बच्चों के बीच तालकटोरा स्टेडियम में होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परीक्षा पर चर्चा से पहले ट्वीट किया है. प्रधानमंत्री ने लिखा, ''आज के परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम का बेसब्री से इंतजार है. उनकी ऊर्जा और जीवंतता अद्वितीय है. आज हम परीक्षा से संबंधित कई विषयों और परीक्षाओं से परे जीवन के बारे में बात करेंगे.''