Farmers Protest Live Updates: करनाल में खट्टर की महापंचायत से पहले किसानों का विरोध प्रदर्शन, पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले
Farmers Protest Live Update: आज किसान आंदोलन का 46वां दिन है. केंद्र सरकार और किसानों के बीच आठवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही. किसान संगठन जहां तीनों कानूनों की वापसी की अपनी जिद पर अड़े रहे तो वहीं सरकार की तरफ से यह कहा गया कि वे कानून में संशोधन को तैयार है. अब सरकार और किसान संगठनों के बीच अगली वार्ता 15 जनवरी को होगी. किसान आंदोलन से जुड़ी दिनभर की तमाम अपडेट्स के लिए जुड़े रहें एबीपी न्यूज़ के साथ....
एबीपी न्यूज़ Last Updated: 10 Jan 2021 02:39 PM
बैकग्राउंड
नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस सिक्योरिटी को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने सीनियर अधिकारियों के साथ मीटिंग की. 26 जनवरी को किसानों ने दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च करने की चेतावनी दी है. राजधानी...More
नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस सिक्योरिटी को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने सीनियर अधिकारियों के साथ मीटिंग की. 26 जनवरी को किसानों ने दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च करने की चेतावनी दी है. राजधानी दिल्ली के सभी बॉर्डर पर किसान बैठे हुए हैं अधिकतर सीमाएं किसान आंदोलन के चलते बंद ऐसे में किसान आंदोलन और कोरोना महामारी के बीच गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम को शांतिपूर्वक कराना पुलिस के लिए भी एक चुनौती बनी हुई है. शुक्रवार को दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने गणतंत्र दिवस की सिक्युरिटी को लेकर पुलिस के बड़े आला अधिकारियों के साथ मीटिंग की. इस मीटिंग में दिल्ली पुलिस के सभी स्पेशल पुलिस कमिश्नर और दूसरे अधिकारी मौजूद रहे. कृषि कानून के विरोध में किसान दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर पर पिछले लगभग डेढ़ महीने से बने हुए हैं. वीरवार को किसानों ने बाहरी दिल्ली में केएमपी हाइवे पर ट्रैक्टर मार्च भी निकाला और सरकार को यह चुनौती दी कि अगर सरकार तीनों कानून वापस नहीं लेती है तो वह 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे. अभी तक सरकार और किसानों के बीच लगातार हो रही वार्ता में कोई हल नहीं निकल पा रहा है. हालांकि 15 जनवरी को एक बार फिर किसान और सरकार के बीच बातचीत होनी है लेकिन दिल्ली पुलिस के लिए चुनौती यह है कि अगर सरकार और किसानों के बीच हल नहीं निकला तो गणतंत्र दिवस जैसे महत्वपूर्ण दिन पर अगर किसान दिल्ली में दाखिल होने की कोशिश करते हैं तो उन से कैसे निपटा जाए, उन्हें कैसे रोका जाए.
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किसानों के समर्थन में उतरे पहलवान
गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के सम्मान में आज 'संयुक्त किसान मंच' के तत्वाधान में किसान केसरी दंगल का आयोजन किया गया. किसानों के सम्मान में आयोजित इस कुश्ती दंगल में करीब 50 महिला पहलवान और पुरूष पहलवान शामिल हुए. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के मार्गदर्शन में ये दंगल कराया गया.
गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के सम्मान में आज 'संयुक्त किसान मंच' के तत्वाधान में किसान केसरी दंगल का आयोजन किया गया. किसानों के सम्मान में आयोजित इस कुश्ती दंगल में करीब 50 महिला पहलवान और पुरूष पहलवान शामिल हुए. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के मार्गदर्शन में ये दंगल कराया गया.
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हरियाणा के करनाल जिले में आज बीजेपी ने किसान महापंचायत रैली बुलाई है. इस रैली में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी शामिल होने वाले हैं. लेकिन किसान महापंचायत रैली से पहले ही किसानों ने उनका विरोध शुरू कर दिया है. इस दौरान पुलिस ने किसानों पर पानी की बौछार की और आंसू गैस के गोले छोड़े.
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किसान संगठनों की आज अहम बैठक है. किसान आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे. प्रदर्शन की वजह से चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर बंद है. आनंद विहार और डीएनडी लोनी की तरफ रूट डायवर्ट किया गया है.
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मीका सिंह ने किसानों को भेजी पानी की हजारों बोतलें
पंजाब और बॉलीवुड की कई हस्तियों ने किसानों को अपना समर्थन दिया है. वहीं अब सिंगर मीका सिंह ने किसानों का समर्थन करते हुए एक सराहनीय पहल की है. मीका सिंह ने अपने पानी के ब्रांड को लॉन्च करते हुए विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों को पानी की हजारों बोतलें भेजी हैं. ये बात उन्होने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट के जरिए बताई.
पंजाब और बॉलीवुड की कई हस्तियों ने किसानों को अपना समर्थन दिया है. वहीं अब सिंगर मीका सिंह ने किसानों का समर्थन करते हुए एक सराहनीय पहल की है. मीका सिंह ने अपने पानी के ब्रांड को लॉन्च करते हुए विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों को पानी की हजारों बोतलें भेजी हैं. ये बात उन्होने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट के जरिए बताई.
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किसानों के समर्थन में 15 जनवरी को राजभवनों का घेराव करेगी कांग्रेस
कांग्रेस ने फैसला किया है कि वह तीनों नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर बल देने के लिए 15 जनवरी को सभी राज्यों में 'किसान अधिकार दिवस' मनाएगी. कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, "कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने फैसला किया है कि किसानों के समर्थन में हर प्रांतीय मुख्यालय पर कांग्रेस पार्टी 15 जनवरी को किसान अधिकार दिवस के रूप में एक जन आंदोलन करेगी."
कांग्रेस ने फैसला किया है कि वह तीनों नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर बल देने के लिए 15 जनवरी को सभी राज्यों में 'किसान अधिकार दिवस' मनाएगी. कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, "कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने फैसला किया है कि किसानों के समर्थन में हर प्रांतीय मुख्यालय पर कांग्रेस पार्टी 15 जनवरी को किसान अधिकार दिवस के रूप में एक जन आंदोलन करेगी."
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बीजेपी विधायक ने कहा- किसान आंदोलन में लुटेरे शामिल हो गए
राजस्थान के कोटा से बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि देश को नष्ट करने की इच्छा रखने वाले उग्रवादी और लुटेरे केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों में संभवत: शामिल हो गए हैं. विधायक ने आरोप लगाया कि 'तथाकथित' किसानों को देश की चिंता नहीं है, वे स्वादिष्ट व्यंजनों के अलावा अन्य 'विलासिताओं' का आनंद ले रहे हैं और 'पिकनिक मना रहे हैं'.
राजस्थान के कोटा से बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि देश को नष्ट करने की इच्छा रखने वाले उग्रवादी और लुटेरे केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों में संभवत: शामिल हो गए हैं. विधायक ने आरोप लगाया कि 'तथाकथित' किसानों को देश की चिंता नहीं है, वे स्वादिष्ट व्यंजनों के अलावा अन्य 'विलासिताओं' का आनंद ले रहे हैं और 'पिकनिक मना रहे हैं'.
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कांग्रेस ने कृषि क्षेत्र में बिचौलियों की समर्थक
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का समर्थन कर रही है क्योंकि वह नहीं चाहती कि फसलों की खरीद में शामिल बिचौलियों का अस्तित्व खत्म हो जाए. उन्होंने दावा किया कि कृषि कानूनों ने किसानों की आय बढ़ाने का खाका तैयार किया है.
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का समर्थन कर रही है क्योंकि वह नहीं चाहती कि फसलों की खरीद में शामिल बिचौलियों का अस्तित्व खत्म हो जाए. उन्होंने दावा किया कि कृषि कानूनों ने किसानों की आय बढ़ाने का खाका तैयार किया है.
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सड़क अवरुद्ध रहती है तो शाहीन बाग मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन होगा
सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित किसान विरोध मामले में दायर एक याचिका में प्राथमिक याचिकाकर्ता ने अब एक हलफनामा दायर कर सड़क अवरुद्ध होने से आम जनता को होने वाली असुविधा और कठिनाई को उजागर किया है. याचिका में दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को हटाने की मांग की गई है. 11 जनवरी को निर्धारित याचिका पर सुनवाई से पहले यह हलफनामा दायर किया गया है और दलील दी गई है कि सड़कों की नाकाबंदी की वजह से आम जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित किसान विरोध मामले में दायर एक याचिका में प्राथमिक याचिकाकर्ता ने अब एक हलफनामा दायर कर सड़क अवरुद्ध होने से आम जनता को होने वाली असुविधा और कठिनाई को उजागर किया है. याचिका में दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को हटाने की मांग की गई है. 11 जनवरी को निर्धारित याचिका पर सुनवाई से पहले यह हलफनामा दायर किया गया है और दलील दी गई है कि सड़कों की नाकाबंदी की वजह से आम जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
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सिंघु बॉर्डर पर धरने में आए किसान ने जहर खाकर की आत्महत्या
दिल्ली-हरियाणा सिंघु सीमा पर पंजाब के 40 साल के एक किसान ने जहर खाकर खुदखुशी कर ली. मृतक अमरिंदर सिंह पंजाब के फतेहगढ़ साहिब जिले के रहने वाले थे. शनिवार देर शाम उन्होंने सल्फास खा लिया, जिसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई.
दिल्ली-हरियाणा सिंघु सीमा पर पंजाब के 40 साल के एक किसान ने जहर खाकर खुदखुशी कर ली. मृतक अमरिंदर सिंह पंजाब के फतेहगढ़ साहिब जिले के रहने वाले थे. शनिवार देर शाम उन्होंने सल्फास खा लिया, जिसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई.
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गणतंत्र दिवस सिक्योरिटी को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने सीनियर अधिकारियों के साथ की मीटिंग
गणतंत्र दिवस सिक्योरिटी को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने सीनियर अधिकारियों के साथ मीटिंग की. 26 जनवरी को किसानों ने दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च करने की चेतावनी दी है. राजधानी दिल्ली के सभी बॉर्डर पर किसान बैठे हुए हैं अधिकतर सीमाएं किसान आंदोलन के चलते बंद ऐसे में किसान आंदोलन और कोरोना महामारी के बीच गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम को शांतिपूर्वक कराना पुलिस के लिए भी एक चुनौती बनी हुई है. इस मीटिंग में दिल्ली पुलिस के सभी स्पेशल पुलिस कमिश्नर और दूसरे अधिकारी मौजूद रहे.
गणतंत्र दिवस सिक्योरिटी को लेकर दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने सीनियर अधिकारियों के साथ मीटिंग की. 26 जनवरी को किसानों ने दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च करने की चेतावनी दी है. राजधानी दिल्ली के सभी बॉर्डर पर किसान बैठे हुए हैं अधिकतर सीमाएं किसान आंदोलन के चलते बंद ऐसे में किसान आंदोलन और कोरोना महामारी के बीच गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम को शांतिपूर्वक कराना पुलिस के लिए भी एक चुनौती बनी हुई है. इस मीटिंग में दिल्ली पुलिस के सभी स्पेशल पुलिस कमिश्नर और दूसरे अधिकारी मौजूद रहे.
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आठवें दौर की विफल वार्ता के बाद किसान संगठन ने अपनी लड़ाई जारी रखने का ऐलान किया. ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव हनन मोल्लाह ने कहा- तीखी बहस हुई. हमने कहा कि हम कानूनों की वापसी के अलावा और कुछ भी नहीं चाहते हैं.
मोल्लाह ने आगे कहा- हम किसी अदालत में नहीं जाएंगे. या तो ये कानून वापस लिए जाएंगे या फिर हमारी लड़ाई जारी रहेगी. 26 जनवरी को योजना के अनुसार हमारी परेड होगी.
मोल्लाह ने आगे कहा- हम किसी अदालत में नहीं जाएंगे. या तो ये कानून वापस लिए जाएंगे या फिर हमारी लड़ाई जारी रहेगी. 26 जनवरी को योजना के अनुसार हमारी परेड होगी.
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किसान और केन्द्र सरकार के बीच आठवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही. अब अगले दौर की वार्ता 15 जनवरी को होगी.
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नए कृषि कानूनों पर आठवें दौर की बाचतीत के बाद सूत्रों के मुताबिक सरकार के रुख से नाराज किसानों ने लंगर खाने से मना कर दिया है. बैठक शुरू होते ही एक तरफ सरकार ने कहा कि कानून वापस नहीं ले सकते, कई राज्यों के किसान इसके समर्थन में हैं. वहीं किसान नेता कानून वापस लेने की मांग पर अड़े रहे. तल्खी बढ़ने पर सरकार ने लंच ब्रेक का आग्रह किया तो किसान नेताओं ने कहा कि ना रोटी खाएंगे ना चाय पिएंगे. आधे घन्टे से मंत्री बैठक वाले हॉल से बाहर हैं. किसान नेता हॉल में बैठे हैं.
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सूत्रों के मुताबिक, केन्द्र सरकार की ओर से कहा गया कि कानून वापस नहीं ले सकते क्योंकि काफी किसान इसके पक्ष में हैं. वहीं किसान नेता कानून रद्द करने की मांग को दोहरा रहे हैं.
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केन्द्र सरकार के साथ बातचीत में किसान संगठन अपनी जिद पर अड़े हुए हैं और तीनों कृषि कानूनों की वापसी की मांग कर रहे हैं. जबकि, सरकार की तरफ से इस वार्ता में फिर कानून में संशोधन का प्रस्ताव उनके सामने रखा गया है.
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किसान नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन पहुंचे केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल और नरेन्द्र सिंह तोमर. किसानों के साथ गतिरोध को खत्म करने के लिए आज की वार्ता को काफी अहम माना जा रहा है.
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किसानों के साथ चर्चा से पहले गृहमंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे रेल मंत्री पीयूष गोयल और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर.
किसानों के साथ चर्चा से पहले गृहमंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे रेल मंत्री पीयूष गोयल और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर.
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किसान नेताओं के साछ आठवें दौर की मीटिंग से पहले कृषि मंत्री ने जल्दी हल निकलने की उम्मीद जताई है. कृषि मंत्री ने कहा, ''मुझे उम्मीद है कि सकारात्मक माहौल में चर्चा होगी और जल्दी ही कोई हल निकलेगा. चर्चा के दौरान दोनों पक्षों को किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए कदम उठाने होंगे.''
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सरकार के साथ आठवें दौर की चर्चा के लिए किसान संगठन के नेता विज्ञान भवन पहुंच गए हैं. किसान नेताओं और सरकार के बीच दो बजे बैठक शुरू होगी. सरकार की तरफ से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य मंत्री सोम प्रकाश चर्चा का नेतृत्व कर रहे हैं.
सरकार के साथ आठवें दौर की चर्चा के लिए किसान संगठन के नेता विज्ञान भवन पहुंच गए हैं. किसान नेताओं और सरकार के बीच दो बजे बैठक शुरू होगी. सरकार की तरफ से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य मंत्री सोम प्रकाश चर्चा का नेतृत्व कर रहे हैं.
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कृषि कानूनों पर सरकार के साथ आठवें दौर की चर्चा के लिए किसान नेता सिंघु बॉर्डर से विज्ञान भवन के लिए रवाना हो गए हैं. सरकार और किसानों के बीच दोपहर 2 बजे आठवें दौर की बातचीत होगी.
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कृषि कानूनों पर सरकार के साथ आठवें दौर की चर्चा के लिए किसान नेता सिंघु बॉर्डर से विज्ञान भवन के लिए रवाना हो गए हैं. सरकार और किसानों के बीच दोपहर 2 बजे आठवें दौर की बातचीत होगी.
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कैलाश चौधरी ने कहा, ''मैं बाबा का शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने संजीदगी से इस मामले को सुलझाने के लिए पहल की. अभी तो कृषि सुधारों की शुरुआत हुई है, पहले भी हमने फसल बीमा योजना में बदलाव किया उसके बाद किसानों को खाते में पैसे भेजें और आगे भी कृषि सुधार जारी रहेंगे.''
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कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत करते हुए कहा मामले के जल्द सुलझने की उम्मीद जताई. उन्होंने कहा, ''हमें उम्मीद है कि आज की बातचीत में कोई न कोई हल निकलेगा और किसान सरकार की बात समझेंगे कि किसानों के हित में यह कानून बनाया गया है और सभी किसानों के लिए है. अगर पहली बातचीत पर किसान जाएंगे तो उस समय कानून में परिवर्तन की बात कही गई थी, कानून वापस लेने की बात नहीं थी अगर उस हिसाब से सोचेंगे तो हल जरूर निकलेगा.''
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कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा, ''समाधान तभी निकलेगा जब कानून के एक एक क्लॉज पर चर्चा होगी. भारत सरकार कानून में संशोधन के लिए तैयार है. हमें उम्मीद है कि जल्द ही मामला सुलझेगा.
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केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन को तेज करते हुए, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के 15 किसान यहां बृहस्पतिवार को भूख हड़ताल पर बैठ गये, जबकि संयुक्त किसान मोर्चा की “ट्रैक्टर रैली” में भी गौतम बुद्ध नगर में हजारों प्रदर्शनकारियों ने भाग लिया. ये 15 प्रदर्शनकारी किसान भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) के हैं, जो यहां दलित प्रेरणा स्थल पर डेरा डाले हुए हैं, जबकि भारतीय किसान यूनियन (भानू) से जुड़े 11 किसान पहले से ही चिल्ला बॉर्डर पर क्रमिक भूख हड़ताल कर रहे हैं. भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) के प्रवक्ता शैलेश कुमार गिरी ने कहा, '‘ बीकेयू (लोक शक्ति) से जुड़े 15 किसान नए कृषि कानूनों को रद्द करने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने की मांग को लेकर आज भूख हड़ताल पर बैठे हैं.'’
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किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा, ‘‘मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि संयुक्त किसान मोर्चा को तीन कृषि कानूनों से राज्यों को बाहर निकलने की अनुमति देने का कोई प्रस्ताव नहीं मिला है. हम इन कानूनों रद्द किए जाने और हमारी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी से कम कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे.’’ किसान नेता ने कहा, ‘‘यदि यह (प्रस्ताव) सही बात है तेा यह सरकार की ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति है.’’
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तोमर, खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश 40 प्रदर्शनकारी किसान संगठन नेताओं के साथ सरकार की ओर से वार्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. आठवें दौर की वार्ता आज दोपहर दो बजे विज्ञान भवन में होगी. इससे पहले चार जनवरी को हुई बैठक के बेनतीजा रहने के बाद यह बैठक अहम है. सरकार ने 30 दिसंबर को छठे दौर की वार्ता में किसानों की बिजली सब्सिडी और पराली जलाने संबंधी दो मांगों को मान लिया था. इससे पहले की किसी वार्ता में कोई सफलता नहीं मिली थी.
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सरकार और नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी किसान संगठन आज होने वाली आठवें दौर की अपनी वार्ता से एक दिन पहले बृहस्पतिवार को अपने-अपने रुख पर अड़े रहे. प्रदर्शनकारी किसानों ने तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की अपनी मांग को लेकर ट्रैक्टर रैलियां निकाली, जबकि केंद्र ने इस बात पर जोर दिया कि वह इन कानूनों वापस लेने के अलावा हर प्रस्ताव पर विचार के लिए तैयार है.
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