MP Liquor Ban: मध्यप्रदेश की मोहन यादव सरकार ने 17 धार्मिक शहरों में शराबबंदी का फैसला किया है. सीएम मोहन यादव ने गुरुवार (24 जनवरी 2025) को कहा, "सभी को पता है कि शराब पीने के क्या नुकसान हैं. हम नहीं चाहते कि देश के भविष्य कहे जाने वाले युवा इस दलदल में फंसे. मध्य प्रदेश सरकार ने फैसला किया है कि 17 धार्मिक शहरों में शराब की बिक्री पर रोक लगाई जाएं."

सीएम मोहन यादव ने कहा, "मध्य प्रदेश में जहां-जहां श्रीराम और श्रीकृष्ण के पांव पड़े हैं, उन जगहों पर शराब पर पाबंदी लगाई जाएगी." जिन शहरों में शराबबंदी लागू होगी उनमें उज्जैन, ओंकारेश्वर, मैहर, खजुराहो, महेश्वर, ओरछा, सांची, नलखेड़ा, सलकनपुर, जबलपुर, मंदसौर आदि जिलों के नाम शामिल हैं.

यूपी मॉडल को अब मध्य प्रदेश में किया जा रहा लागू

मध्य प्रदेश सरकार का शराबबंदी का फैसला यूपी सरकार के 2021 और 2022 के फैसले से मिलता-जुलता है, जिसमें अयोध्या और मथुरा में मंदिर के नजदीक शराब की ब्रिक्री पर रोक लगाई गई थी. 1 जून 2022 के फैसले में यूपी सरकार ने अयोध्या राम मंदिर के आसपास के सभी शराब की दुकानों और बार का लाइसेंस कैंसिल कर दिया था. वहीं साल 2021 में सरकार ने 10 वर्ग किलोमीटर इलाके को मथुरा-वृंदावन को धार्मिक स्थल घोषित कर दिया था और इस इलाके में मांस और शराब की ब्रिक्री पर रोक लगा दी थी.

कितने राज्यों में पूर्ण शराबबंदी है लागू?

भारत में चार ऐसे राज्य हैं जहां पूर्ण शराबबंदी लागू है. इसमें बिहार, गुजरात, नगालैंड और मिजोरम शामिल हैं. गुजरात में 1 मई 1960 से शराब की ब्रिक्री पर पाबंदी है. ये फैसला तब लिया गया था जब बंबई से बंटकर गुजरात और महाराष्ट्र राज्य अस्तित्व में आए थे. वहीं बिहार में अप्रैल 2016 में शराब पर बैन लगाया गया था. नगालैंड में 1989 में से शराब पीने और बेचने पर रोक है. वहीं मिजोरम में साल 1997 में शराब ब्रिकी पर रोक लगाई गई थी. हालांकि साल 2007 में मिजोरम में लोकल वाइन बेचने पर छूट दी गई थी. 

आंध्र प्रदेश, हरियाणा, केरल, लक्षद्वीप, तमिलानाडु और मणिपुर में पहले शराबबंदी लागू की गई है लेकिन बाद में सरकारों ने इसे वापस ले लिया.

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