अमेरिका की कमान संभालते ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक के बाद एक ऐसे ऐलान किए, जिन्होंने भारत की चिंता बढ़ा दी. उधर, चीन को लेकर उनका रवैया बेहद नरम नजर आ रहा है. गुरुवार (23 जनवरी, 2025) को एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि वह चीन पर टैरिफ लगाने के इच्छुक नहीं हैं. उन्होंने सुझाव दिया कि इस तरह दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच ट्रेड वॉर होने से बचा जा सकता है. हालांकि, वह लंबे समय से चीन पर भारी टैरिफ लगाने की बात करते रहे हैं.

फॉक्स न्यूज के साथ इंटरव्यू में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि चीन के लिए हमारे पास सबसे बड़ी ताकत टैरिफ है, लेकिन वे (चीन) ऐसा नहीं चाहते हैं और मैं भी इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहता हूं, लेकिन चीन के लिए हमारे पास ये जबरदस्त पावर है.' डोनाल्ड ट्रंप ने इंटरव्यू के दौरान चीनी राष्टपति शी जिनपिंग की भी तारीफ की और कहा कि वह उनके अच्छे दोस्ते हैं और उनके साथ हाल ही में हुई बातचीत भी अच्छी रही.  

इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव में अपने अभियान के दौरान कई बार चीन पर 60 फीसदी तक का भारी टैक्स लगाने की बात कही थी और राष्ट्रपति बनने के बाद दूसरे दिन ही उन्होंने कहा था कि वह चीन पर 10 पर्सेंट टैरिफ लगाएंगे. मंगलवार (21 जनवरी) को डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि चीन पर शुल्क लगाने का निर्णय इस तथ्य पर आधारित होगा कि वह मेक्सिको और कनाडा को फेंटानिल भेज रहा है या नहीं. फेंटानिल एक तरह का मादक पदार्थ है जो हेरोइन से 50 गुना अधिक शक्तिशाली और नशा पैदा करने वाला पदार्थ है.

ट्रंप के किन फैसला ने बढ़ाई भारत की चिंता?डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही चेतावनी दी थी कि वह भारत समेत सभी ब्रिक्स देशों से आने वाले सामानों पर 100 पर्सेंट टैरिफ लगाएंगे. हालांकि, चीन पर उन्होंने टैरिफ नहीं लगाने की बात कही है, लेकिन ब्रिक्स देशों पर उनकी तरफ से ऐसा कोई बयान अब तक नहीं आया है. वहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में गैरकानूनी तरीके से रह रहे विदेशी नागरिकों पर कार्रवाई करने की योजना बनाई है, जिनमें भारतीय भी शामिल हैं. यूएस इमीग्रेशन एंड कस्टम एनफोर्समेंट (ICE) ने पिछले महीने 15 लाख ऐसे लोगों की लिस्ट बनाई थी, जो अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे हैं. इनमें से 18 हजार लोग इंडियन हैं. ट्रंप प्रशासन के सख्त रवैये को देखते हुए भारत सरकार इन भारतीयों को वापस लाने की योजना बना रही है. 

प्यू रिसर्च के अनुसार अमेरिका में 7,25,000 अनडॉक्यूमेंटेड भारतीय रहते हैं जो कई सालों से वहां हैं ताकि एक दिन उन्हें नागरिकता मिल जाए या फिर उनके बच्चे अमेरिकी बन जाएं, लेकिन बर्थराइट सिटीजनशिप खत्म करने की ट्रंप की घोषणा ने भारतीयों की धुक-धुकी बढ़ा दी थी. ट्रंप ने जन्म के आधार पर नागरिकता देने के अधिकार पर रोक लगा दी थी. हालांकि, एक फेडरल जज ने इसे असंवैधानिक बताते हुए अस्थाई रूप से रोक दिया है. वहीं, जब उन्होंने अप्रवासियों को वापस भेजने की बात कही थी वहां रह रहे भारतीय टेंशन में आ गए  थे. उन्होंने कहा था कि अप्रवासियों पर हमेशा के लिए रोक लगाएंगे. उन्होंने कहा कि वह अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर पर नेशनल इमरजेंसी घोषित करेंगे ताकि अवैध प्रवेश न हो सके और अवैध प्रवासियों को वापस भेजने की प्रक्रिया भी शुरू करेंगे.

 

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