लेह में चल रहे राजनीतिक आंदोलन और हिंसा के बीच, उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने लद्दाख का तीन दिवसीय दौरा किया. सेना कमांडर ने संवेदनशील सीमा पर तैनात बलों की परिचालन तैयारियों की समीक्षा की और अग्रिम क्षेत्रों में तैनात सैनिकों से बातचीत की.

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भारतीय सेना की उत्तरी कमान के अनुसार, यह दौरा 27 सितंबर को कमांडर के लेह पहुंचने के साथ शुरू हुआ, जहां से वे पूर्वी लद्दाख, सियाचिन ब्रिगेड और काराकोरम दर्रे सेक्टर में ऊंचाई पर स्थित सैन्य संरचनाओं के लिए रवाना हुए. सेना ने कहा कि लेफ्टिनेंट जनरल शर्मा ने विषम परिस्थितियों में कार्यरत सैनिकों के उच्च मनोबल पर संतोष व्यक्त किया.

उच्च मनोबल और दृढ़ प्रतिबद्धता की प्रशंसा

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उत्तरी कमान ने 'X' पर एक बयान में कहा, 'लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने सियाचिन ब्रिगेड, पूर्वी लद्दाख में तैनात इकाइयों और काराकोरम दर्रे का दौरा किया और परिचालन तैयारियों की समीक्षा की. उन्होंने सभी रैंकों के उच्च मनोबल और दृढ़ प्रतिबद्धता की प्रशंसा की.'

सैनिकों के साथ बातचीत के दौरान, सेना कमांडर ने देश की सीमाओं की रक्षा में उनके लचीलेपन और प्रतिबद्धता की सराहना की, जहां तापमान अक्सर शून्य से 40 डिग्री सेल्सियस नीचे चला जाता है. सेना अधिकारियों ने कहा कि इस दौरे का उद्देश्य जमीनी हालात का प्रत्यक्ष आकलन और चल रही परिचालन तैयारियों की समीक्षा करना था.

 

राष्ट्रीय भावना और समर्पण के लिए बधाई

सियाचिन बेस कैंप में, लेफ्टिनेंट जनरल शर्मा ने राष्ट्रीय ध्वज प्रश्नोत्तरी के विजेताओं से बातचीत की और उन्हें उनकी राष्ट्रीय भावना और समर्पण के लिए बधाई दी. उन्होंने 7,000 मीटर से ऊंची चोटी पर चढ़ने वाले एक पर्वतारोहण अभियान को भी हरी झंडी दिखाई और उनके प्रयास को साहस और साहस का एक आदर्श बताया.

सेना के एक प्रवक्ता ने कहा, 'उन्होंने अभियान दल के अदम्य साहस की सराहना की और कहा कि इस तरह के प्रयास सैनिकों और नागरिकों, दोनों को समान रूप से प्रेरित करते हैं.' राजनीतिक मोर्चे पर, लेफ्टिनेंट जनरल शर्मा ने लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता से भी मुलाकात की, जिस दौरान दोनों ने मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य पर चर्चा की.

शांति और स्थिरता बनाए रखने की जरूरत

सूत्रों ने बताया कि हिंसा प्रभावित लेह की पृष्ठभूमि में यह बैठक महत्वपूर्ण है, जहां हाल ही में स्थानीय मांगों को लेकर तनाव बढ़ गया था. राजभवन के एक प्रवक्ता ने पुष्टि की है कि चर्चा में क्षेत्र में उभरती चुनौतियों, नागरिक-सैन्य समन्वय की आवश्यकता और शांति और स्थिरता बनाए रखने की आवश्यकता पर चर्चा हुई. दोनों पक्षों ने लद्दाख के संवेदनशील वातावरण में उत्पन्न होने वाली संभावित आकस्मिकताओं से निपटने के लिए तैयारी और तालमेल के महत्व पर बल दिया.

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