बेंगलुरु में बढ़ते जाम और गड्ढों से भरी सड़कों को लेकर नाराजगी बढ़ने के बीच, राज्य सरकार अब एक साहसिक कदम पर विचार कर रही है. प्रस्ताव है कि शहर के भीड़भाड़ वाले कॉरिडोर पर सिंगल-ऑक्यूपेंसी कार (एक ही व्यक्ति कार में हो) से कंजेशन टैक्स वसूला जाए.
यह प्रस्ताव प्राइवेट आयोजित बैठक में सामने आया, जिसमें राज्य सरकार ने कॉरपोरेट जगत के दिग्गजों और शहरी योजनाकारों को बुलाकर शहर की पुरानी होती जा रही आधारभूत इन्फ्रास्ट्रक्चर समस्याओं के समाधान पर चर्चा की.
सिंगल ऑक्यूपेंसी कार पर टैक्स लागू
बैठक की अध्यक्षता कर्नाटक की मुख्य सचिव शालिनी रजनीश ने की. इस दौरान बायोकॉन प्रमुख किरण मजूमदार-शॉ, युलु के सहसंस्थापक व शहरी योजनाकार आर.के. मिश्रा और अर्बन डिजाइनर व आर्किटेक्ट नरेश नारसिम्हन समेत कई लोग मौजूद रहे.
इस बैठक में कंजेशन चार्ज लगाने पर चर्चा की. यदि कोई व्यक्ति ORR (आउटर रिंग रोड) पर अकेले कार लेकर आता है तो उसे टैक्स देना होगा. यह टैक्स सिर्फ सिंगल ऑक्यूपेंसी कार पर लागू होगा और इससे कार पूलिंग को बढ़ावा मिलेगा.
उन्होंने कहा कि इसे ORR और अन्य हाई डेंसिटी कॉरिडोर या प्रमुख सड़कों पर लागू किया जा सकता है, ताकि चारपहिया वाहनों के उपयोग को हतोत्साहित किया जा सके.
आउटर रिंग रोड बड़ी टेक्नोलॉजी कॉरिडोर
बेंगलुरु की आउटर रिंग रोड शहर की सबसे बड़ी टेक्नोलॉजी कॉरिडोर मानी जाती है, जहां लगभग सभी बड़ी वैश्विक कंपनियां स्थित हैं. यह सड़क उत्तर में हेब्बल से लेकर दक्षिण में सिल्क बोर्ड तक फैली है और शहर की सबसे भीड़भाड़ वाली सड़कों में गिनी जाती है. गड्ढों से भरी सड़कें, अधूरे प्रोजेक्ट और पानी भराव जैसी समस्याएं भारत की IT राजधानी बेंगलुरु की पहचान बन चुकी हैं.
दिल्ली जैसे शहरों ने ‘ऑड-ईवन’ और बड़े पैमाने पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट के जरिये जाम कम करने की कोशिश की है. मगर बेंगलुरु में मेट्रो और सबअर्बन रेल जैसे प्रमुख सार्वजनिक परिवहन प्रोजेक्ट समय पर पूरे नहीं हो पाए, वहीं बसों की संख्या भी नहीं बढ़ी, जिससे लोग निजी वाहनों पर ही निर्भर हैं. सिद्धारमैया सरकार इस बीच टनल रोड और डबल-डेकर फ्लाईओवर जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स पर जोर दे रही है, जबकि मास ट्रांजिट इंफ्रास्ट्रक्चर को पूरा करने में देरी हो रही है.
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