लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी)ने घोषणा की है कि वह लद्दाख में सामान्य स्थिति बहाल होने तक गृह मंत्रालय की उच्चाधिकार प्राप्त समिति के साथ बातचीत नहीं करेगा. एलएबी के अध्यक्ष थुपस्तान छेवांग ने सोमवार (29 सितंबर 2025) को कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में जब लद्दाख में लोग कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं और उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है, ऐसे में केंद्र के साथ बातचीत करना असंभव है.
'लद्दाख में स्थिति समान्य होने तक बातचीत नहीं'
यह घोषणा करते हुए कि लेह एपेक्स बॉडी क्षेत्र में शांति और सामान्य स्थिति बहाल होने तक गृह मंत्रालय की उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) के साथ बातचीत नहीं करेगी. थुपस्तान छेवांग ने कहा कि निकाय के सदस्य 30 सितंबर को होने वाली बैठक और 6 अक्टूबर को गृह राज्य मंत्री के साथ होने वाली मुख्य बैठक में शामिल नहीं होंगे.
उन्होंने कहा, "हमारी उम्मीद थी कि जम्मू-कश्मीर का विभाजन होगा और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के बाद लोगों को न्याय मिलेगा, लेकिन उन्होंने बिना किसी कानून के हमें केंद्र शासित प्रदेश बना दिया. इस अनुच्छेद के निरस्त होने के बाद, जिसने हमारे अधिकारों और पहचान की रक्षा की थी, वह सब खत्म हो गया."
'खुद को खतरे में महसूस कर रहे लद्दाख के लोग'
उन्होंने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि लद्दाख के लोगों को पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य के तहत अनुच्छेद 370 और 35A के माध्यम से संवैधानिक गारंटी और सुरक्षा प्राप्त थी, लेकिन अब वे खुद को खतरे में महसूस कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, "हमने अपने अधिकारों की लड़ाई के लिए लेह एपेक्स बॉडी (LAB) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA0) का गठन किया था. हमें विरोध करना पड़ा. शुरुआत में केंद्र सरकार ने आश्वासन दिया, लेकिन बाद में कुछ नहीं हुआ."
चेवांग ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार शुरू से ही उनकी मुख्य मांगों, जिनमें छठी अनुसूची, राज्य का दर्जा, नौकरी और लोकसभा सीट शामिल हैं, के प्रति गैर-गंभीर रवैया अपना रही है, लेकिन अब जब युवा जेलों में हैं तो वे बैठकर बात नहीं कर सकते.
लेह एपेक्स बॉडी के अध्यक्ष ने कहा, "प्रशासन की ओर से बल प्रयोग किया गया जिसमें चार लोग मारे गए. हमें बहुत दुख है, लेकिन फिर भी हम केंद्र के संपर्क में हैं. हम बैठक में जाने की योजना बना रहे थे." चेवांग ने कहा कि एपेक्स बॉडी के सदस्य जो कल गृह मंत्रालय के अधिकारियों से मिलने वाले हैं वे दिल्ली नहीं जा रहे हैं."
'जब तक शांति नहीं तब तक बातचीत नहीं'
उन्होंने कहा, "हम अभी स्थिति पर नजर रख रहे हैं, जब तक यहां शांति नहीं हो जाती, हम किसी भी बातचीत का हिस्सा नहीं होंगे. हमें उम्मीद है कि गृह मंत्रालय स्थिति को सामान्य बनाने के लिए कुछ कदम उठाएगा." छेवांग ने कहा, "स्थिति बहुत खराब है." उन्होंने आगे कहा कि जहां युवाओं और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है, वहीं लद्दाख में स्थिति इतनी तनावपूर्ण बनी हुई है, ऐसे में बंदूक की नोक पर बातचीत नहीं हो सकती."
छेवांग ने कहा, "हम सभी बंदियों की रिहाई, मुकदमे वापस लेने और लद्दाखियों को राष्ट्र-विरोधी बताने वाले निराधार लेबल और झूठे प्रचार को बंद करने की मांग करते हैं." उन्होंने कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस से शीर्ष निकाय के रुख का समर्थन करने और केंद्र के साथ बातचीत का बहिष्कार करने की अपील की.