Law Minister Kiren Rijiju Statements: सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम में सुधार कराने को लेकर हो रही चर्चाओं के बीच केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने सोमवार (23 जनवरी) को कई बड़ी बातें कहीं. रिजिजू ने कहा कि देश में लोकतंत्र मजबूती से आगे चले इसके लिए आजाद न्यायपालिका का होना जरूरी है, वरना लोकतंत्र सफल नहीं होगा. उन्‍होंने कॉलेजियम सिस्‍टम और CJI को लिखे गए अपने पत्र के विषय में भी बात की.


'जजों को चुनाव या जांच का सामना नहीं करना पड़ता'
क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने कहा कि जजों को एक बार जज बनने के बाद किसी आम चुनाव या सार्वजनिक तौर पर जांच का सामना नहीं करना पड़ता. ऐसे में ये तो साफ है कि जजों को आम जनता नहीं चुनती है और यही वजह है कि जनता आपको (जजों) बदल भी नहीं सकती. लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि जनता आपको देख नहीं रही है.


रिजिजू ने कहा, ''जज, अपने फैसलों और जिस तरह से वे न्याय देते हैं और अपना आकलन करते हैं, जनता उसे देखती है. सोशल मीडिया के इस दौर में कुछ भी छिपा नहीं रह सकता.'' रिजिजू ने कहा कि आज जो सिस्टम चल रहा है उस पर कोई सवाल नहीं उठाएगा या फिर कोई सवाल नहीं उठेंगे, ऐसा सोचना गलत है.


'सरकार और न्यायपालिका के बीच कोई तकरार नहीं'


इस दौरान कानून मंत्री ने मीडिया पर भी सवाल उठाया. रिजिजू ने कहा कि जजों की नियुक्ति प्रक्रिया पर सरकार और न्यायपालिका के बीच मतभेद को बढ़ा-चढ़ा कर बताया जा रहा है. उन्होंने कहा, 'सरकार और न्यायपालिका के बीच कोई समस्या नहीं है.' उन्होंने कहा, ''हमारी सरकार और पहले की सरकारों ने जरूरत पड़ने पर संविधान के अनुच्छेद में भी बदलाव किया है. इसलिए कभी भी बदलाव को नकारात्मक तरीके से ही नहीं देखना चाहिए."


इससे पहले रिजिजू सुप्रीम कोर्ट के CJI को भेजे गए एक पत्र के कारण विपक्षियों के निशाने पर थे. विपक्षियों के मुताबिक, उनके पत्र में कथित तौर पर कॉलेजियम में सरकार का प्रतिनिधि रखने की मांग की गई थी. 


CJI को लिखे पत्र पर कानून मंत्री ने दिया यह जवाब
आज रिजिजू ने दिल्ली में CJI को लिखे पत्र के विषय पर भी मीडिया से बात की. रिजिजू ने कहा, ''मैंने CJI को एक पत्र लिखा था, जिसके बारे में किसी को नहीं पता था. पता नहीं किसे कहां से पता चला और खबर बना दी कि क़ानून मंत्री ने CJI को पत्र लिखा कि कॉलेजियम में सरकार का प्रतिनिधि होना चाहिए. इस बात का कोई सर पैर नहीं. मैं कहां से उस प्रणाली में एक और व्यक्ति डाल दूंगा?''


कानून मंत्री बोले- 'न्यायपालिका की आज़ादी है जरूरी'
न्यायपालिका को स्‍वतंत्र रखने की बात करते हुए क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने सोमवार को एक कार्यक्रम में कहा, ''भारत में लोकतंत्र सिर्फ जीवित ही नहीं बल्कि मजबूती से आगे चले उसके लिए एक मज़बूत और आज़ाद न्यायपालिका का होना जरूरी है. न्यायपालिका की आज़ादी को कमज़ोर या उसके अधिकार, सम्मान और गरिमा को कम करेंगे तो लोकतंत्र सफल नहीं होगा.''


यह भी पढ़ें: 'मैं नहीं जानता शाहरुख खान को, जब उन्होंने मैसेज किया तो...', फिर बोले असम के CM हिमंत बिस्वा सरमा