लखनऊ : मुंबई एयरपोर्ट से गिरफ़्तार लश्कर आतंकी सलीम खान ने यूपी एटीएस से पूछताछ में बताया कि वह सउदी में अनेजा शहर में कॉफी शॉप में लेबर की हैसियत से काम करता था. उसे प्रतिदिन 25-35 दिरहैम मिलता था और उसकी दुकान के सामने सब्जी वाले कि दुकान थी जिसके यहां कौसर आता जाता था. वहीं पहली बार कौसर से बात हुई थी. वहीं से मस्जिद नमाज अदा करने के रास्ते में कौसर का घर था.



सलीम ने बताया कि नमाज अदा करने के साथ कभी-कभी कौसर के घर आते-जाते शरीफ से कौसर के घर पर मुलाकात हुई थी. जिसने धीरे धीरे-धीरे अहले-हदीश की बातें बताई, कैसेट और वीडियो कैसेट देखने को दी, जिसमे सारी बातें कश्मीर की स्थिति और इंडिया के खिलाफ थी.

सलीम ने बताया कि इसी से प्रेरित होकर मन मे ख्याल आया और शरीफ के माध्यम से वहीं के शेख जो तकरीर करते थे उन से मैनें लश्कर की ट्रेनिंग की इच्छा जाहिर की थी. उन्होंने फिर मेरे पाकिस्तान जाने का इंतेज़ाम कराया और सारी सेटिंग की.

सलीम ने पूछताछ में बताया कि एक आदमी जो ISI का एजेंट था ने मुझे करांची एयरपोर्ट से बाहर निकलवाया था और वहां कराची में 2 दिन रहा फिर बहावलपुर ले जाया गया, जहां  ISI के ही एक बड़े एजेंट ने 10 दिन रुकवाया था, कोई मुहम्मद अहमद नाम का व्यक्ति था.

सलीम ने कहा, 'वहां से मोटरसाइकिल की मदद से मुजफ्फराबाद की ओर ले जाया गया और फिर लगभग 2-2:30 घंटे पैदल चलने के बाद कैम्प में पहुचा था. मैंने देखा कि पहाड़ियों के बीच कैम्प था, वहीं मेरी मुलाकात लखवी से हुई थी.