Lashkar Militants Surrender: जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के कुलगाम (Kulgam) में सुरक्षाबलों (Security force) को बड़ी सफलता मिली है. दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में लाइव एनकाउंटर के दौरान दो आतंकियों ने आत्मसमर्पण (Surrender) किया है, जिन्हें हाल ही में लश्कर फ्रंट-टीआरएफ (Lashkar Front-TRF) ग्रुप में भर्ती किया गया था. ऐसा दो साल से भी ज्यादा समय बाद हुआ, जब किसी लाइव मुठभेड़ के दौरान आतंकियों ने आत्मसमर्पण किया. फिलहाल आतंकियों के आत्मसमर्पण कराने के लिए सुरक्षाबलों ने उनके माता-पिता से भी मदद ली है.


एसएसपी कुलगाम डॉ संदीप चौधरी के अनुसार कुलगाम के गांव हदीगाम में अज्ञात आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में एक विशेष इनपुट के आधार पर ऑपरेशन शुरू किया गया था. भारतीय सेना और जेकेपी की ओर से मंगलवार रात करीब 11:30 बजे इलाके में एक संयुक्त घेरा और तलाशी अभियान शुरू किया गया था. बुधवार तड़के करीब ढाई बजे संदिग्ध घरों की तलाशी के दौरान सुरक्षाबलों पर गोलियां चला दीं, जिससे मुठभेड़ हो गई.


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सुरक्षाबलों ने बरता संयम


ता चला कि दोनों नए भर्ती हुए स्थानीय युवक थे और उनके परिवार उन्हें मुख्यधारा में वापस लाने के लिए बेताब थे. इन नए भर्ती किए गए आतंकवादियों की पहचान जम्मू-कश्मीर पुलिस ने नदीम अब्बास भट निवासी रेशीपुरा कैमोह और कफील मीर निवासी मीरपुरा कैमोह के रूप में की थी और दोनों लश्कर के हाल ही में भर्ती किए गए मॉड्यूल का हिस्सा थे. इस सूचना के बाद सुरक्षाबलों ने संयम बरतते हुए आतंकियों की ओर से गोलियां बरसाने के बावजूद उन पर गोलियां नहीं चलाईं. दोनों आतंकवादियों को घर के एक हिस्से में बंद कर रखा गया था और दोनों आतंकवादियों के परिवारों को उनके आत्मसमर्पण की अपील करने के लिए मुठभेड़ स्थल पर लाया गया था.


माता-पिता की कोशिश से बच गई जान


आखिर में सुबह तक माता-पिता और सुरक्षाबलों की ओर से की गई बार-बार आत्मसमर्पण की अपील ने काम किया और दोनों आतंकवादियों ने सुबह हथियार डालकर आखिरकार आत्मसमर्पण कर दिया. बाद में दोनों को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हिरासत में ले लिया, जबकि उनके कब्जे से कुछ हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए. पकड़े गए दोनों आतंकियों को कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने और सुरक्षा जांच के बाद संबंधित परिवारों को सौंप दिया जाएगा.


पुलिस के अनुसार प्रारंभिक पूछताछ के दौरान पता चला कि युवाओं का ब्रेनवॉश किया गया था और उन्हें लश्कर (Lashkar) और आईएसआई (ISI) के इशारे पर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और हत्याओं को अंजाम देने का काम सौंपा गया था. सुरक्षाबल पथभ्रष्ट युवाओं को आतंकवाद के रास्ते से वापस लाने के लिए प्रोत्साहित करने और सुविधा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.


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