कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लद्दाख में हुई हिंसा में एक पूर्व सैनिक के मारे जाने का हवाला देते हुए मंगलवार (30 सितंबर, 2025) को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस केंद्र शासित प्रदेश के लोगों साथ धोखा किया है. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री को हिंसा और डर की राजनीति बंद करके संवाद करना चाहिए और प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए.

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बीते 24 सितंबर को हुई हिंसा में कारगिल युद्ध में भाग लेने वाले पूर्व सैनिक त्सेवांग थरचिन की भी मौत हो गई थी. राहुल गांधी ने 'X' पर थरचिन के पिता का एक वीडियो साझा किया. राहुल गांधी ने पोस्ट किया, 'पिता फौजी, बेटा भी फौजी, जिनके खून में देशभक्ति बसी है. फिर भी भाजपा सरकार ने देश के वीर बेटे की गोली मारकर जान ले ली, सिर्फ इसलिए क्योंकि वो लद्दाख और अपने अधिकार के लिए खड़ा था.'

कांग्रेस की सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग

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लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा, 'पिता की दर्द भरी आंखें बस एक सवाल कर रही हैं कि क्या आज देशसेवा का यही सिला है? हमारी मांग है कि लद्दाख में हुई इन हत्याओं की निष्पक्ष न्यायिक जांच होनी ही चाहिए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. मोदी जी, आपने लद्दाख के लोगों को धोखा दिया है. वो अपना हक मांग रहे हैं, संवाद कीजिए, हिंसा और डर की राजनीति बंद कीजिए.'

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘X’ पर पोस्ट किया, ‘लद्दाख का दुःख पूरे देश का दुःख है. शहीद त्सेवांग थरचिन ने कारगिल युद्ध में भारत माता के प्रति अपना कर्त्तव्य निभाया. बदले में मिला क्या? लद्दाख में मोदी सरकार की गोली! पिता भी फौज में थे, बेटा भी फौज में था.’

'LAC विवाद के बाद पीएम मोदी की चीन को क्लीनचिट'

खरगे ने दावा किया, ‘गलवान में जब हमारे 20 वीर जवानों ने लद्दाख के LAC पर देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी, तब खुद मोदी जी ने चीन को क्लीनचिट थमाई थी. तब उन्हें हमारे जांबाजों की वीरता की याद न आई, तो अब क्या खाक आएगी. जो चीन को क्लीनचिट दे सकते हैं, वो हमारे थरचिन जैसे वीर जवानों की शहादत का मान क्या रखेंगे. यही भाजपा का खोखला राष्ट्रवाद है.’

केंद्र के साथ बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए ‘लेह एपेक्स बॉडी’ (एलएबी) की ओर से एक्सपर्ट बुलाए गए. लद्दाख बंद के दौरान सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प के बाद 24 सितंबर को लेह शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था. हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी. यह संगठन लद्दाख के लिये राज्य का दर्जा और केंद्रशासित प्रदेश को छठी अनुसूची में शामिल करने के लिए आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है.

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