Ladakh Weather: केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में कड़ाके की ठंड पर रही है. खासतौर पर कारगिल और द्रास के इलाकों में इस बार कड़ाके की ठंड है. ऐसे में दोनों शहरों में बिजली पहुंचाना बिजली विभाग के कर्मचारियों के लिए एक चुनौती बन गई है, लेकिन द्रास में जलविद्युत परियोजना के बहादुर कर्मचारियों ने न केवल बिजली परियोजना को चालू रखने में कामयाबी हासिल की, बल्कि मशीनरी को जमने से भी बचाया है.


पांच साल पहले शुरू हुई बिजली परियोजना एक मिनट के लिए भी बंद नहीं हुई है. सर्दियों के दौरान कर्मचारियों के लिए पानी की नहरों को चालू रखने और मशीनरी को बंद होने से बचाने के लिए एक कठिन लड़ाई होती है. कर्मचारी निसार अहमद ने बताया, "हमने इस क्षेत्र में शून्य से माइनस 45 डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान देखा है और सभी जलाशय जम गए हैं. जहां भी पानी पहुंचता है, वह ठंड के कारण पत्थर बन जाता है." 


नॉन स्टॉप बिजली उपलब्ध कराने में लगे कर्मचारी 


हालांकि, केरेडा के वीर कर्मचारी भीषण ठंड के बावजूद रात-दिन बर्फ तोड़ने और बर्फ से ढके हुए लद्दाख क्षेत्र के लोगों को नॉन स्टॉप बिजली उपलब्ध कराने के लिए काम कर रहे हैं. ऐसी कठोर परिस्थितियों में बिजली के निरंतर नियमन के लिए उनकी निस्वार्थ सेवाओं की सराहना की जानी चाहिए.


गौरतलब है कि कारगिल और द्रास में तापमान शून्य से 45 डिग्री नीचे लुढ़क गया है. हर तरफ नदी-नाले और दरिया जम चुके हैं. इस साल नवंबर के पहले हफ्ते में कश्मीर घाटी में हुई भारी बर्फबारी के बाद करगिल और लद्दाख को देश से जोड़ने वाली वाली सड़क श्रीनगर-करगिल हाईवे समय से पहले ही बंद हो चुकी थी. 


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