नई दिल्ली: बजट सत्र से पहले पीएम मोदी के इशारे से अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस बार का बजट मिडिल क्लास के फायदे का होगा. सरकार सीधे तौर पर शहरी नौकरीपेशा लोगों को आयकर में छूट दे सकती है.


कितनी छूट दे सकती है सरकार, क्या होगा असर?
अनुमान है कि सरकार टैक्स छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर सकती है. ऐसे में 3-5 लाख रुपये तक की आय पर 5 फीसदी का टैक्स लग सकता है. 5-10 लाख तक की आमदनी पर 20 फीसदी टैक्स का अनुमान है. जबकि 10 लाख रुपये से ज्यादा की आमदनी पर 30 फीसदी का टैक्स लग सकता है.


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टैक्स छूट में बढोतरी की गई तो क्या होगा?
अगर टैक्स छूट की सीमा में 50 हजार रुपये की बढ़ोतरी की गई तो SBI की एक रिपोर्ट के मुताबिक कुल 75 लाख करदाता आयकर के दायरे से बाहर हो जाएंगे. इस कदम से सरकार को करीब साढ़े 9 हजार करोड़ का नुकसान होगा. नोटबंदी के बाद से तमाम कोशिशों के बाद सरकार 18 लाख नए लोगों को आयकर के दायरे में लाने में कामयाब हो पाई. ऐसे में सरकार के मन में टैक्सपेयर्स की संख्या में कमी की चिंता जरूर होगी.


5 लाख तक आमदनी वालों को 2500 का मुनाफा, 80C की सीमा भी बढ़ सकती है
अनुमानित टैक्स स्लैब से कम आमदनी वाले लोगों को फायदा दिख रहा है. 5 लाख रुपये तक की आमदनी वालों को 2500 रुपये का मुनाफा हो सकता है. चुनावी साल में पेश होने वाले इस बजट में स्टैंडर्ड डिड्क्शन में छूट दी जा सकती है यानी 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपये छूट की सीमा भी बढ़ायी जा सकती है.


इनकम टैक्स की छूट की सीमा में बढ़ोतरी की उम्मीद तो है.. लेकिन 5 लाख से ज्यादा की आमदनी वाले लोगों के लिए टैक्स छूट का दूसरा विकल्प भी हो सकता है.


ये टैस्स स्लैब का ये विकल्प लागू हुआ तो सिर्फ 5-7.5 लाख रुपये कमाने वाले करदाताओं को ही फायदा होगा. 5-7.5 लाख रुपये कमाने वाले करदाताओं को 25 हजार रुपये का मुनाफा होगा

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