सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने गैर आईएसआई हेलमेट के उत्पादन, आयात, बिक्री और भंडारण पर रोक लगा दी है. यानी अब अगर कोई भी व्यक्ति बिना आईएसआई मार्क वाले हेलमेट को खरीदता या बेचता है तो उसे जेल की सजा होगी या फिर उसपर 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा. जानकारी के मुताबिक ये नियम 1 जून से लागू हो चुका है, जबकि इसके लिए निर्देश नवंबर 2018 में दे दिए गए थे.


वहीं इसके लिए विस्तृत नियम साल 2019 में निर्धारित किए गए थे. वहीं भारतीय मानक ब्यूरो के मुताबिक भारत में बेचे जाने वाले सभी हेडगियर को अब बीआईएस गुणवत्ता दिशानिर्देशों को पूरा करना होगा और जो लोग नियमों का उल्लंघन करेंगे उन्हें भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम के तहत सजा का सामना करना पड़ेगा. साथ ही उसपर 1 साल की सजा के साथ ही 5 लाख रुपए तक जुर्माना भी लगाया जाएगा. भारत सरकार ने ये नियम स्थानीय निर्माताओं का समर्थन और मेक-इन-इंडिया रणनीति को बढ़ावा देने के चलते बनाया है.


नए नियम से निर्यात को मिलेगा बढ़ावा


जानकारी के मुताबिक आईएसआई हेलमेट के नियम से बाजार में रोजगार को बढ़ावा मिलेगा और भारत में बने हेलमेट का निर्यात बड़े पैमाने पर बढ़ सकेगा. साथ ही सड़क दुर्घटना, मृत्यु दर भी कम हो सकेगी.इतना ही नहीं विदेशी हेलमेट की तुलना में भारतीय हेलमेट की कीमत कम होगी. वहीं इस निति को बढ़ावा देने के लिए कुछ राज्यों ने दोपहिया वाहन निर्माताओं को प्रत्येक बिक्री के साथ दो हेलमेट देना अनिवार्य कर दिया है.


युवाओं को मिलेगा रोजगार


माना जा रहा है कि भारत सरकार का ये फैसला कई तरह से लाभकारी है. स्वदेशी हेलमेट की बिक्री से युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे और देश में बनी चीज देश में ही रहेगी.


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