दिल्ली: पिछले साल नवंबर महीने से कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. अपनी मांग को लेकर डटे किसान सरकार पर हर तरह दबाव बना रहे हैं. वहीं, अब किसानों का कहना है कि वो 10 अप्रैल को कुंडली-मानेसर-पलवर एक्स्प्रेसवे को जाम करेंगे. साथ ही मई में पैदल संसद मार्च भी करने की योजना बना रहे हैं.


संयुक्त किसान मोर्चा ने आने वाले अगले दो महीले की रणनीति की पूरी खबर दी है. किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा, मंगलवार को किसान संयुक्त मोर्चा की बैठक हुई है जिसमें इस बात पर फैसला लिया गया कि वो मई में ससंद तक मार्च करेंगे. वहीं, उन्होंने बताया कि अभी तारीख तय नहीं हुई है. इस पर अभी चर्चा जारी है और जल्द तारीख का एलान भी किया जाएगा.


26 जनवरी की तरह नहीं पैदा होगी स्थिति- किसान नेता


बताया जा रहा है कि इस मार्च में आंदोलन का समर्थन कर रही महिलाएं, बेरोजगार, युवक और श्रमिक भी हिस्सा लेंगे. उन्होंने कहा कि वो इस मार्च को बेहद शांतिपूर्ण ढ़ग से निकालेंगे और 26 जनवरी की तरह स्थिति पैदा नहीं होने दी जाएगी.


संयुक्त किसान मोर्चा हिंसा की निंदा करता है- किसान नेता


किसान नेता ने आगे कहा, अगर संसद मार्च के दौरान पुलिस ने किसी प्रकार की कार्रवाई की तो प्रदर्शनकारियों पर नियंत्रण करने के लिए समिति का गठन करेंगे. उन्होंने कहा कि, संयुक्त किसान मोर्चा हिंसा की निंदा करता है और किसी भी प्रकार इसका हिस्सा नहीं बनना चाहता. इसके अलावा उन्होंने कहा कि, इस आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के सम्मान में 6 मई को कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.


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