नई दिल्ली: पाकिस्तान में दो नाबालिग हिंदू लड़कियों का कथित रूप से निकाह करवाने वाले मौलवी को रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया. नाबालिग हिंदू लड़कियों का अपहरण के बाद जबरन धर्म परिवर्तन करा दिया गया था. पाकिस्तानी मीडिया में आयी खबर के अनुसार इन नाबालिग लड़कियों ने पंजाब प्रांत की एक अदालत से सुरक्षा की गुहार लगायी है.


जियो न्यूज की उर्दू वेबसाइट जंग.कॉम के मुताबिक नाबालिग ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बहावलपुर की अदालत में सुरक्षा के लिये गुहार लगाई है. इसमें कहा गया कि निकाह करवाने वाले मौलवी को सिंध में खानपुर से गिरफ्तार किया गया. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने मामले में जांच के आदेश दिये हैं. 13 वर्षीय रवीना और 15 वर्षीय रीना का इलाके के ‘प्रभावशाली’ लोगों के एक समूह ने घोटकी जिले स्थित उनके घर से कथित रूप से अपहरण कर लिया था.


इस मामले में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग से रिपोर्ट मांगी थी. जिसके बाद सुषमा स्वराज और पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी के बीच इस मुद्दे को लेकर वाकयुद्ध छिड़ गया.


आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान को ‘नोट वर्बल’ जारी करके घटना को लेकर अपनी चिंता साझा की हैं और अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों की रक्षा और उनकी सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए उचित कदम उठाने का आह्वान किया है.


स्वराज ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने घटना पर पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया से रिपोर्ट मांगी है. स्वराज के ट्वीट का उत्तर देते हुये चौधरी ने कहा, ‘‘मैम, यह पाकिस्तान का आंतरिक मामला है और भरोसा रखिये ये मोदी का भारत नहीं है जहां अल्पसंख्यकों को नियंत्रण में रखा गया है. यह इमरान खान का ‘नया पाक’ है जहां हमारे झंडे का सफेद रंग हम सबको समान रूप से प्यारा है.’’


उन्होंने कहा, ‘‘मैं उम्मीद करता हूं कि जब भारतीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की बात आयेगी तब भी आप इसी तत्परता से कार्रवाई करेंगी.’’ इसके जवाब में सुषमा ने कहा कि उन्होंने दो नाबालिग हिंदू लड़कियों के अपहरण और उनका जबर्दस्ती धर्म परिवर्तन कराने की घटना पर इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायुक्त से केवल एक रिपोर्ट मांगी है.


उन्होंने कहा, ‘‘यह आपको परेशान करने के लिए पर्याप्त है. यह केवल यही दिखाता है कि आप अपराध बोध से ग्रसित हैं.’’ इस पर चौधरी ने फिर प्रतिक्रिया जतायी.





पाकिस्तानी मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘मैडम मंत्री मुझे खुशी है कि भारतीय प्रशासन में ऐसे लोग हैं जो अन्य देशों में अल्पसंख्यक अधिकारों की चिंता करते हैं. मैं पूरी उम्मीद करता हूं कि आपकी अंतरात्मा आपको अपने देश में अल्पसंख्यकों के लिए खड़ा करेगी. गुजरात और जम्मू आपकी आत्मा पर भारी पड़ना चाहिए.’’


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चौधरी ने उर्दू में किये गए ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री ने सिंध के मुख्यमंत्री से उन खबरों की जांच करने को कहा है कि लड़कियों को पंजाब के रहीम यार खान ले जाया गया है. पाकिस्तान के कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने दावा किया है कि यह जबर्दस्ती धर्मपरिवर्तन और अपहरण का एक और मामला है. ऐसे मामले सिंध प्रांत के दक्षिणी क्षेत्र में आम हो रहे हैं.


दोनों लड़कियों के अपहरण की घटना के बाद एक कथित वीडियो सामने आया जिसमें दिख रहा है कि नाबालिग लड़कियां कह रही हैं कि उन्होंने अपनी मर्जी से इस्लाम कुबूल कर लिया है. एक अन्य वीडियो में एक मौलवी कह रहा है कि लड़कियां मुस्लिमों द्वारा घिरे इलाके में रहती थीं और वे इस्लाम के उपदेशों से प्रभावित हुईं और धर्म परिवर्तन करना चाहती थीं.


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पाकिस्तान की मीडिया में आयी खबरों के हवाले से सूत्रों ने कहा कि एक प्राथमिकी दहरकी पुलिस थाने में पीड़ितों के भाई शमन दास द्वारा दर्ज करायी गई हैं. सूत्रों ने कहा कि दास ने दावा किया कि 20 मार्च को वह अपने घर पर अपने परिवार के साथ था और तभी हथियारों से लैस होकर छह व्यक्ति उनके घर में घुस आए. शिकायतकर्ता ने कहा कि उन छह व्यक्तियों ने परिवार के सदस्यों को बंधक बना लिया और दोनों लड़कियों को हथियारों के बल पर ले गए.