SFJ Involved in Manipur Violence: मणिपुर हिंसा में खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू के सिख फॉर जस्टिस (SFJ) की साजिश का खुलासा हुआ है. खुफिया एजेंसियों की जांच में सामने आया है कि सिख फॉर जस्टिस ने मणिपुर के मुसलमानों, तमिलनाडु के तमिलों और ईसाइयों को भारत से अलग होने के लिए उकसाया है. खुफिया एजेंसियों की ओर से जारी नोट केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से बुधवार (29 जनवरी, 2025) को जारी 290 पेज के एक ट्रिब्यूनल आदेश का हिस्सा था. 

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रिब्यूनल आदेश नोट में कहा गया है कि प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को धमकियां देने सहित आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बनाई थी. इसके बाद सरकार ने SFJ पर लगे प्रतिबंध को अगले पांच सालों के लिए बढ़ा दिया है.

तमिलनाडु के लोगों को द्रविड़स्तान के झंडे उठाने के लिए उकसाया

खुफिया एजेंसियों ने नोट में कहा है कि एसएफजे का मुख्य उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदायों को दूसरे समुदायों के खिलाफ भड़काकर लोगों को बांटना है. एसएफजे मणिपुर में ईसाई समुदाय को अलग देश के लिए आवाज उठाने के लिए भी उकसा रहा है. तमिलनाडु के लोगों को द्रविड़स्तान के झंडे उठाने के लिए उकसा रहा है. अल्पसंख्यक उत्पीड़न का हौवा बनाकर मुस्लिमों की भावनाओं को भी भड़का रहै है. भारत के मुसलमानों को एक अलग उर्दूस्तान बनाने के लिए उकसा रहा है.

पंजाब और हरियाणा में किसानों को भड़काने में जुटा SFJ

इतना ही नहीं सीएफजे कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब और हरियाणा में किसानों को भड़काने में जुटा हुआ है. यही नहीं देश भर के वंचित समाज को भी कथित उत्पीड़न के आधार पर उकसा रहा है. मणिपुर की बात करें तो यहां पर हिंसा मुख्य रूप से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच भड़की है. ज्यादातर मैतेई हिंदू हैं और कुकी जनजाति ईसाई है. 

पाकिस्तान की भी मदद ले रहा पन्नू

यही नहीं सिख फॉर जस्टिस भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान से भी खूब मदद ले रहा है. इसके साथ ही नोट में ये भी पता चला है कि SFJ आतंकियों, गैंगस्टरों और कश्मीरी अलगाववादियों से भी संपर्क में है.

यह भी पढ़ें- 29 साल से फरार था दाऊद इब्राहिम गैंग का ‘हिंगू’, मुंबई पुलिस ने हुबली से किया अरेस्ट