Khalistani Funds Transfer In Canada: कनाडा में बैठकर भारत को अस्थिर करने के लिए बड़ी साजिश रचने वाले खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. इसी साल मार्च महीने में दाखिल अपनी चार्जशीट में केंद्रीय एजेंसी ने बताया है कि खालिस्तानी आतंकियों ने जबरन वसूली और अन्य अवैध कारोबार से हासिल होने वाले धन का इस्तेमाल न केवल कनाडा और भारत में हिंसक गतिविधियों की फंडिंग में की, बल्कि यहां याच (High Speedy Boat), मूवी और कनाडा प्रीमियम लीग में भी बड़ी धन राशि का निवेश किया है.


अलगाववादियों के लिए सेफ हेवन बन चुके कनाडा में जनमत संग्रह से जुड़े इन्हीं खालिस्तानी गुटों ने एक दर्जन से अधिक मंदिरों पर भारत विरोधी पोस्टर लगाए और कमेंट्स लिखवाया. एनआईए ने यह भी दावा किया है कि गैंगस्टर और अलगाववादियों ने जो फंड जुटाए थे, उन्हें थाईलैंड के क्लब्स और बार में भी इन्वेस्ट किया है.


एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक एनआईए ने अपनी चार्जशीट में 13 फंड ट्रांसफर को रिकॉर्ड किया हे, जो 2019 से 2021 के बीच किए गए. इसमें गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने 5 लाख से 60 लाख रुपये तक कनाडा और थाईलैंड में हवाला के जरिए ट्रांसफर किया था.


खालिस्तान अलगाववादियों के साथ काम करता है लॉरेंस बिश्नोई गैंग


यह बात पहले ही साबित हो चुकी है कि बिश्नोई अपने खास सहयोगी सतविंदरजीत सिंह उर्फ गोल्डी बरार और सतवीर सिंह उर्फ सैम, खालिस्तान अलगाववादी गुटों के बहुत करीब थे और मिलकर काम करते थे. कनाडा से ऑपरेट करने वाले खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेई) के नेता लखबीर सिंह लांडा के साथ इन तीनों के निकट संबंधों का खुलासा पहले ही हो चुका है.


कनाडा में ट्रांसफर हुआ है बड़ा फंड


14 खालिस्तान अलगवादियों और गैंगस्टर के खिलाफ एनआईए चार्जशीट में कहा गया है कि एक्सटॉर्शन, अवैध शराब तस्करी और आर्म्स स्मगलिंग समेत अन्य अवैध कारोबार से वसूली गई राशि कनाडा में गोल्डी बरार और सतवीर सिंह के पास हवाला के जरिए भेजी गई थी. इनका इस्तेमाल हिंसक गतिविधियों और प्रो खालिस्तान एक्टिविटीज के लिए किया जाता था. एनआईए ने बताया है कि 2021 में गोल्डी बरार को एक बार दो लाख रुपये भेजे गए. उसके पहले 2020 में दो बार 20-20 लाख रुपये भेजे गए. सैम को 2020 में 50 लाख रुपये भेजे गए. इसी तरह से 2021 में गोल्डी बरार और सैम को 60 लाख रुपये भेजे गए. इसके बाद 2021 में सैम को अलग से 40 लाख और 20 लाख रुपये भेजे गए हैं.


कहां कैसे किया इन्वेस्ट


एनआईए ने कहा है कि सैम को मुख्य रूप से फिल्मों में निवेश और स्पीड बोट्स खरीदने की जिम्मेदारी दी गई थी. वह कनाडा प्रीमियम लीग का भी आयोजन करता था, जिसमें बड़ी धनराशि का निवेश होता था. इससे होने वाले लाभ को दोबारा इन्वेस्ट कर फंड बढ़ाया जाता था. फिलहाल जेल में बंद बिश्नोई ने यह बात स्वीकार की है कि उसने कई मौके पर सैम से फंड ली है.


थाईलैंड में कैसे किया निवेश


एनआईए चार्जशीट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि अवैध कारोबार से जुटाए गए रुपये को थाईलैंड में मनीष भंडारी नाम के एक व्यक्ति के पास गैंगस्टर वीरेंद्र प्रताप उर्फ काला राणा के हवाला कारोबार के जरिए भेजे गए. इसी तरह से जोगेंद्र सिंह और राजकुमार उर्फ राजू बसोदी के जरिए भी रुपये थाईलैंड भेजे गए, ताकि वहां नाइटक्लब और बार में इन्वेस्ट हो सके. लॉरेंस बिश्नोई गैंग का कोई भी गुर्गा जब थाईलैंड जाता था, तो भंडारी उसके रहने-खाने और लॉजिस्टिक सपोर्ट की व्यवस्था करता था.


NIA का क्या कहना है


एनआईए से जुड़े एक अधिकारी, जो लंबे समय से गैंगस्टर और खालिस्तान गतिविधियों की जांच कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि कनाडा को तुरंत करीब दो दर्जन पुराने गैंगस्टर और प्रो खालिस्तानी एलिमेंट्स को कस्टडी में लेकर भारत को सौंप देना चाहिए. इनमें खास तौर पर गोल्डी बरार, लांडा, अर्शदीप सिंह उर्फ डाला जैसे गैंगस्टर ज्यादा खतरनाक हैं.


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