Kerala News: केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने गुरुवार (25 मई) को कहा कि सरकारी सेवा में कुछ ऐसे लोग हैं जिनके पास भ्रष्टाचार में ‘‘डॉक्टरेट’’ की उपाधि है और इस समस्या का हल सामूहिक प्रयासों से निकाला जा सकता है. विजयन ने कहा कि वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार का मानना है कि जहां तक भ्रष्ट गतिविधियों का संबंध है, तो इस मामले में कोई समझौता नहीं होगा और इसमें शामिल लोगों को बचाया नहीं जाएगा.


मुख्यमंत्री हाल ही में राज्य के पलक्कड़ जिले के पलक्कड़ गांव में कथित रूप से रिश्वत लेने के आरोप में एक ‘क्षेत्रीय सहायक’ की गिरफ्तारी का जिक्र कर रहे थे. अधिकारी के किराए के आवास से तलाशी के दौरान कथित तौर पर एक करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और बैंक जमा दस्तावेज बरामद किए गए.


बड़े विभागों में भ्रष्टाचारियों को पकड़ना मुश्किल


विजयन ने कहा कि संबंधित अधिकारी कथित रूप से अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए रिश्वत में मिली राशि का उपयोग कर रहा था और उसका वेतन जस का तस था. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बड़े कार्यालयों और विभागों में यह जानना मुश्किल हो सकता है कि कोई भ्रष्ट आचरण में लिप्त है या नहीं. हालांकि, छोटे कार्यालयों में, जैसे हाल की घटना में, यह विश्वास करना कठिन था कि वहां जो कुछ हो रहा था, उससे हर कोई बेखबर था. 


लोगों को इस प्रथाओं को रोकना चाहिए


सीएम ने कहा, “ऐसी घटनाओं में, वहां के अन्य लोगों को हस्तक्षेप करना चाहिए और इस तरह की प्रथाओं को रोकना चाहिए. सरकारी क्षेत्र के अधिकांश लोग ईमानदार हैं. लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने भ्रष्टाचार करने में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त कर रखी है.” 


विजयन ने यहां केरल नगर निगम कर्मचारी संघ के एक राज्य स्तरीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद कहा, “उन्हें (भ्रष्ट कर्मियों को) इसका चस्का लग गया है और वे इसे छोड़ना नहीं चाहते.”


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