महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न के बढ़ते मामलों को देखते हुए केरल पुलिस ने 'पिंक प्रोटेक्शन' नामक एक महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू की है. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने शनिवार को कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य सार्वजनिक और निजी स्थानों और साइबर दुनिया में महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करना है.


उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दिनों में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार में वृद्धि हुई है. पिंक प्रोटेक्शन प्रोजेक्ट सोमवार से लागू हो जाएगा. गुलाबी जनमैत्री बीट गश्ती दल, जो इस परियोजना का हिस्सा है, उन घरों का दौरा करेगा जहां घरेलू हिंसा का मामला दर्ज किया गया है और पड़ोसियों और पंचायत सदस्यों से विवरण एकत्र किया जाएगा. यह उस क्षेत्र के पुलिस थाने के संबंधित थाना प्रभारियों को दिया जाएगा. 


मुख्यमंत्री ने कही ये बड़ी बात 


मुख्यमंत्री ने कहा, "महिला पुलिस अधिकारियों सहित विशेष रूप से प्रशिक्षित टीम केएसआरटीसी स्टेशनों, स्कूलों और कॉलेजों के पास और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर मौजूद रहेगी. सभी जिलों में पिंक कंट्रोल रूम काम करना शुरू कर देंगे. इसके अलावा, असामाजिक तत्वों का पता लगाने के लिए पिंक शैडो गश्ती दल और पिंक रोमियो (महिला बुलेट गश्ती दल) भी पिंक प्रोटेक्शन प्रोजेक्ट का हिस्सा होगा."


दहेज की कुप्रथा को भी खत्म करेगा केरल


केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने राज्य की सभी यूनिवर्सिटी को निर्देश दिए हैं कि वो दहेज की कुप्रथा के खिलाफ आगे आए. उन्होंने कहा कि सभी यूनिवर्सिटी को इस तरह के सिस्टम की शुरुआत करनी होगी, जिसमें डिग्री लेने से पहले हर एक छात्र को कभी भी दहेज ना लेने या ना देने का बांड साइन करना होगा. राज्यपाल ने शुक्रवार को राज्य की सभी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलरों के साथ हुई बैठक के दौरान ये बात कही. 



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